


जयपुर। 19 अक्टूबर को कांग्रेस को नया राष्ट्रीय अध्यक्ष मिल जाएगा। इसके साथ कांग्रेस का नया अध्याय तो शुरू होगा ही, राजस्थान कांग्रेस में भी हलचल बढ़ने लगेगी। पिछले महीने हुई इस्तीफा पॉलिटिक्स के बाद कांग्रेस में बड़ी उठापटक की संभावनाएं ताई जा रही थी।मगर कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव को देखते हुए उसे होल्ड किया गया। अब अध्यक्ष चुनाव के बाद राजस्थान कांग्रेस पर इसका असर देखने को मिल सकता है।कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव के बाद राजस्थान की राजनीति कितनी बदल सकती है, इस पर नजर डालते हैं…अशोक गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष बदलने के बाद इसका सीधा असर गहलोत पर देखने को मिल सकता है। माना जा रहा है कि मल्लिकार्जुन खड़गे की दावेदारी अध्यक्ष के लिए मजबूत है। अगर ऐसा ही होता है तो यह अशोक गहलोत के लिए प्लस पॉइंट होगा।
इसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि एक दिन पहले गहलोत प्रोटोकॉल तोड़कर खड़गे के समर्थन में वोट करने की अपील कर चुके हैं। इसके अलावा गहलोत और खड़गे के संबंध काफी पुराने हैं। दोनों एक साथ केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं।
वहीं, 25 सितम्बर को हुई प्रेशर पॉलिटिक्स की आलाकमान को रिपोर्ट देने के दौरान भी खड़गे का गहलोत का क्लीन चिट दिलवाने में बड़ा रोल सामने आया था। ऐसे में यह माना जा रहा है कि अगर खड़गे अध्यक्ष बनते हैं तो यह गहलोत के लिए प्लस पॉइंट हो सकता है।

वहीं, राजनीतिक जानकारों का मानना है कि शशि थरूर अगर अध्यक्ष बनते हैं तो प्लस माइनस जैसी स्थितियां नहीं होंगी। वो कांग्रेस संगठन और उसकी परिपाटी में अलग तरह का बदलाव ला सकते हैं।