


बीकानेर। पुलिसकर्मियों के खिलाफ थानों में मामला दर्ज कराने में ही आमजन के पसीने छूट जाते हैं। न्यायालय या उच्चाधिकारियों की दखल के बाद संबंधित थाने में मुकदमा दर्ज कर भी लिया जाता है तो अधिकांश मुकदमों की जांच में नतीजा एफआर ही होता है। बीकानेर रेंज में पुलिसकर्मियों के खिलाफ दर्ज मामलों की जांच के नतीजे इसकी बानगी दे रहे हैं। रेंज में पिछले ढाई साल में पुलिस वालों के खिलाफ जानलेवा हमले से लेकर धोखाधड़ी और अपहरण जैसे आरोप के 57 मामले दर्ज हुए हैं। जिसमें से 30 मामलों में एफआर लग चुकी हैं जबकि 10 मामलों की जांच बकाया है। महज सात मामलों में पुलिस कर्मचारियों-अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की गई है। वहीं केसरीसिंहपुर थाने में दर्ज एक मामले में कांस्टेबल चालक को जांच के बाद सेवा से बर्खास्त किया गया है।
अपराधियों से मिलीभगत कतई बर्दाश्त नहीं : आइजी
ऐसा नहीं है कि पुलिस के खिलाफ दर्ज मामलों में पक्षपात किया जाता है। साक्ष्य व सबूतों के आधार पर दोषी पाए जाने पर संबंधित कार्मिक के खिलाफ कार्रवाई करते हैं। अपराधियों से पुलिस की मिलीभगत किसी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेंगे। अपराधियों के साथ संलिप्प्ता पाए जाने पर सख्त कार्रवाई करेंगे।
ओमप्रकाश, पुलिस महानिरीक्षक बीकानेर रेंज
