


जयपुर. राजस्थान में लम्पी वायरस का कहर लगातार जारी है. प्रदेश में लम्पी बीमारी से लाखों गायें संक्रमित हो चुकी हैं. राज्य सरकार के ने भी माना है कि लम्पी वायरस से संक्रमित होकर 50 हजार से अधिक गायों की मौत (हालांकि, गैर आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, एक लाख से अधिक गायों की मौत लम्पी बीमारी के कारण हो चुकी है. गायों की मौत पर अब राजनीति भी शुरू हो गई है, मगर इस बीच एक ऐसी सच्चाई सामने आई है जिसमें गायों को लेकर दावे-प्रतिदावे करने वाले सभी राजनीतिक पार्टियां एक सी नजर आती हैं.
, प्रदेश में लम्पी स्किन डिजीज के कारण बारह लाख से ज्यादा गौवंश संक्रमित हो चुका है. 55 हजार से ज्यादा गौवंश मौत के मुंह में असमय समा चुका है. सरकार का दावा है कि वह लम्पी वायरस से लडऩे के लिए ऐड़ी-चोटी का जोर लगा रही है. स्वयं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत लम्पी वायरस को लेकर कई बार मीटिंग ले चुके हैं.
इसके साथ ही लम्पी वायरस पर अंकुश लगाने और गौवंश की मौत रोकने के लिए मुख्यमंत्री ने सासंद विधायकों को वीडियो कांफ्रेंस से अपील की थी. सीएम ने सभी विधायकों और सांसदों से अपने अपने-अपने विधायक कोटे एवं सांसद कोटे से 10-10 लाख रुपए का राशि जारी करने की अपील भी की. मगर हैरानी की बात ये है कि मुख्यमंत्री की अपील के एक महीने गुजर जाने के बाद भी न तो सत्ताधारी विधायकों में से अधिकांश ने; और न ही विरोधी पार्टी के विधायकों ने गोवंश की रक्षा के लिए सहयोग राशि जारी की.
यह कि प्रदेश के 25 सांसदों में से मात्र 2 सांसदों को गायों के अस्तित्व पर आए इस महासंकट की आहट सुनाई दी. 23 सांसदों ने गायों को बचाने के लिए सांसद कोटे से फूटी कौड़ी तक नहीं दी. ये हम नहीं कह रहे हैं बल्कि लम्पी वायरस संक्रमण के दौरान विधायकों और सांसदों द्वारा गायों को बचाने के लिए अपने-अपने फंड से जिला कलेक्टर्स को जारी की गई राशि की रिपोर्ट इसका खुलासा कर रही है.
राजस्थान में कुल 200 विधायक हैं. जिला कलेक्टर्स की रिपोर्ट के अनुसार, इन 200 विधायकों में से 84 विधायकों ने अपने – अपने क्षेत्र में गायों की रक्षा के लिए सरकारी खजाने में कोई रकम नहीं दी है. जिला कलेक्टर्स की रिपोर्ट खुलासा कर रही है कि 41 विधायकों ने महज पांच लाख रुपए या इससे कम की राशि अपने अपने क्षेत्रों में गायों की रक्षा के लिए जारी की है.
सबसे खास बात यह कि गायों की रक्षा करने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अपील को उनकी ही पार्टी के विधायकों-सांसदों और सरकार के मंत्रियों ने गंभीरता से नहीं लिया है. कांग्रेस के 54 विधायकों एवं मंत्रियों ने मुख्यमंत्री की अपील के बावजूद एक रुपए की राशि गायों की सहायता के लिए जारी नहीं की.
गौ माता की रक्षा के लिए फंड जारी नहीं करने वाले प्रमुख विधायक
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, गोपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया, मंत्री शांति धारीवाल, मंत्री डॉ. महेश जोशी, मंत्री, डॉ. बी. डी. कल्ला, मंत्री रमेश मीणा, मंत्री लालचंद कटारिया, मंत्री जाहिदा खान, मंत्री रामलाल जाट, मंत्री उदयलाल आंजना, मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास, मंत्री बृजेन्द्र सिंह ओला, मंत्री राजेन्द्र गुढा, मंत्री सालेह मोहम्मद, मंत्री अशोक चांदना, मंत्री गोविंद राम, मंत्री अशोक चांदना, सीएम सलाहकार बाबूलाल नागर, रघू शर्मा.
कुल मिलाकर कांग्रेस के 121 विधायकों में से कुल 53 विधायकों ने राशि जारी नहीं की.
