


जयपुर । राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा ने कांग्रेस की उम्मीदें जगा दी हैं। आगाज शानदार हुआ। पूरा जोश और जुनून देखा गया। सीएम अशोक गहलोत प्रमुख सारथी के रूप में राहुल के साथ चलते दिखाई देते हैं। हालांकि गहलोत पूरी यात्रा में साथ नही रहेंगे, लेकिन इसमें उनकी बड़ी भूमिका है। कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए नाम की चर्चा के बाद से वह पार्टी में दूसरे नंबर के नेता के रूप में दिखने लगे हैं। यात्रा के दौरान वे उसी भूमिका में नजर भी आए हैं।_*
फिर दोहराया राहुल ही अध्यक्ष बने:
यात्रा के दौरान अध्यक्ष पद को लेकर सवाल पूछे जाने पर गहलोत अभी भी एक ही बात दोहराते हैं कि राहुल गांधी को ही अध्यक्ष बनना चाहिए। पूरी पार्टी चाहती है कि राहुल ही फिर से कमान संभालें। गहलोत का मानना है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को केवल और केवल राहुल गांधी ही चुनौती दे सकते हैं। आज देश जिस तरह देश में भय का माहौल बना है उसमें राहुल ही खुल कर जवाब दे रहे हैं। देश में भय और बिखराव का माहौल है। कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा उस भय को दूर कर भाईचारे का माहौल बनाएगी। बीजेपी इसी बात से घबरा रही है कि देश में फिर से भाईचारे का माहौल बनेगा तो जनता उसे सत्ता से बाहर कर दे
भारत जोड़ो यात्रा गहलोत समेत पार्टी के दिग्गज (राहुल गांधी नेता राहुल के साथ यात्रा में शामिल हुए। पार्टी इसे व्यापक जनसंपर्क अभियान बता रही है, जिससे बड़ी संजीवनी मिलने की उम्मीद जता रही है। 150 दिन चलने वाली यह यात्रा शुरू के दिनों में दक्षिण भारत के प्रमुख राज्य कवर करेगी। उसके बाद मध्यप्रदेश से होते हुए राजस्थान में प्रवेश करेगी। ऐसी संभावना जताई जा रही है कि अक्टूबर आखिर में राजस्थान का नंबर आ सकता है। कांग्रेस को राहुल की भारत जोड़ो यात्रा से बड़ी उम्मीदें हैं। इस यात्रा के दौरान ही इस माह के अंत में नए अध्यक्ष का पता चल जाएगा।_
राहुल नहीं माने तो

राहुल गांधी अगर फिर से कमान संभालने को राजी हो जाते हैं तो फिर अध्यक्ष पद को लेकर चल रहा सस्पेंस खत्म हो जाएगा। नहीं माने तो राजस्थान के मुख्यमंत्री गहलोत को ही अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभालनी पड़ेगी। फिर वे खुद यह तय करेंगे दोनों जिम्मेदारी संभालें या अपनी पसंद के नेता को मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी दे, क्योंकि राजस्थान कांग्रेस के लिए महत्वपूर्ण राज्य है। कांग्रेस वापसी की पूरी कोशिश करेगी। आलाकमान इस बात से नाराज है कि कुछ नेता बयान देकर गहलोत सरकार को अस्थिर करने में लगे हैं। माना जा रहा है, ऐसे लोगों पर कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव के बाद एक्शन होगा।