


राजस्थान। बाढ़ से हालात हर पल बिगड़ रहे हैं। सेना और एनडीआरएफ (नेशनल डिजास्टर रिलीफ फोर्स) की टीमें लगातार लोगों को बचाने में जुटी हैं, लेकिन अब भी हजारों लोगों को मदद का इंतजार है। वहीं चंबल नदी 26 साल का रिकॉर्ड तोड़ने के करीब है।
धौलपुर में नदी का लेवल 142 मीटर के ऊपर पहुंच गया है, जो कि खतरे के निशान से करीब 12 मीटर अधिक है। धौलपुर के अलावा पूरे हाड़ौती (कोटा, झालावाड़, बारां) में बारिश का कहर दिख रहा है।
कोटा में सुखनी नदी में डूबने से एक बच्चे की मौत भी हो गई। इस पूरे क्षेत्र में अधिकतर इलाके बाढ़ का सामना कर रहे हैं। वहीं, उदयपुर में भारी बारिश के चलते मंगलवार को 21 बच्चे रातभर स्कूल में फंसे रहे। इन्हें बुधवार सुबह निकाला गया।
नए सिस्टम ने बिगाड़े हालात
राजस्थान में सक्रिय नया वेदर सिस्टम आफत बनकर बरस रहा है। दो दिन से लगातार हो रही भारी बारिश का असर प्रदेश के 14 जिलों में सबसे अधिक दिखा है।
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कोटा, उदयपुर, भरतपुर संभाग के इन जिलों में स्थानीय प्रशासन के अलावा एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की 17 टीमों के साथ आर्मी के दो कॉलम तैनात हैं। उधर, पूर्व सीएम वसुंधरा राजे आज दोपहर झालावाड़, बारां में बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वे करेंगी।बीते 24 घंटे में सबसे बारिश झालावाड़ में 11.3 इंच रिकॉर्ड की गई। इन दो दिनों में ही प्रदेश के छह बड़े बांधों के गेट खोले गए हैं। प्रदेश के 33 में से 26 जिलों में अब तक औसत से करीब 20% ज्यादा बारिश हो चुकी है।

इन जिलों में संकट
वर्तमान में कोटा में हालात सबसे खतरनाक हैं। चित्तौड़गढ़ में मंगलवार को ही 76.5 एमएम बारिश ने कहर बरपाया है। इसके अलावा बूंदी, टोंक, अजमेर, भीलवाड़ा, सिरोही, अंता (बारां), बांसवाड़ा, डबोक (उदयपुर) में बारिश ने आफत खड़ी कर दी है। उदयपुर में तो दिनभर बादल गरजते और बरसते रहे।
आज 10 जिलों में अलर्ट
मौसम विभाग ने बुधवार को जयपुर, बीकानेर, जैसलमेर, बाड़मेर, जालोर, सिरोही, प्रतापगढ़,उदयपुर, डूंगरपुर, बांसवाड़ा जिलों और आसपास के क्षेत्रों मे कहीं-कहीं पर गरज के साथ हल्की से मध्यम वर्षा का दौर जारी रहने की संभावना जताई। इस दौरान बाड़मेर, जैसलमेर, में कहीं-कहीं आकाशीय बिजली और तेज बारिश के दौर की संभावना जताई है।
यहां तैनात है रिलीफ फोर्स
सात जिलों में कोटा, धौलपुर और झालावाड़ में हजारों लोग पानी में फंसे हुए हैं, जिन्हें रेस्क्यू करना पड़ रहा है। दो दिन से बारां के छबड़ा क्षेत्र के खुरई, गोड़िया मेहर, बटावदापार से लोगों को एयरलिफ्ट करना पड़ा है। वहीं, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की करीब 20 टीमें प्रदेशभर में तैनात हैं।