


बीकानेर। प्रदेश के पूर्व शिक्षा मंत्री और कांग्रेस अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा ने कहा है कि राज्य में अब ग्रेड थर्ड टीचर्स के ट्रांसफर भी होने चाहिए। वो इस बारे में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और शिक्षा मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला से भी बात करने वाले हैं। वहीं उन्होंने जाट महासभा के इस दावे से असहमति जताई कि वर्तमान शिक्षा मंत्री जाति विशेष के टीचर्स को हटाने का काम कर रहे हैं। यहां सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत में डोटासरा ने कहा कि ग्रेड थर्ड के टीचर्स के ट्रांसफर नहीं होने का बड़ा कारण राज्य के दूरस्थ व सीमांत जिलों में लगे टीचर्स के हटना था। बड़ी संख्या में डार्क जोन के टीचर्स ही अन्यत्र जाना चाहते हैं। अगर हम ग्रेड थर्ड के ट्रांसफर करते तो इन जिलों में स्कूलें खाली हो जाती। अब 51 हजार टीचर्स की भर्ती हो रही है। ऐसे में नए टीचर्स को इन जिलों में लगाते हुए वहां पर तबादला चाहने वाले पुराने ग्रेड थर्ड के टीचर्स का ट्रांसफर होना चाहिए। डोटासरा ने कहा कि मैं स्वयं इस बारे में मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री से बात कर चुका हूं। आगे फिर कर लेंगे।शिक्षा मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला पर लगे उस आरोप को गलत बताया, जिसमें एक जाति विशेष के बाहर ट्रांसफर करने की बात कही गई है। डोटासरा ने कहा कि हर मंत्री अपने हिसाब से काम करता है। अपने तरह से परिवर्तन करता है लेकिन इसे जातीय आधार पर नहीं देखना चाहिए। मैंने भी कभी किसी के खिलाफ विद्वेष नहीं रखा।
किसी मंत्री में नाराजगी नहीं
मंत्री अशोक चांदना और राजेंद्र गुढ़ा से जुड़े सवाल पर डोटासरा ने कहा कि कोई भी मंत्री सरकार में नाराज नहीं है। सभी मंत्री अपना काम कर रहे हैं। छोटी-बड़ी बात होती रहती है लेकिन इसे नाराजगी नहीं कह सकते। उन्होंने कहा कि प्रदेश में एक बार फिर कांग्रेस की सरकार लाने के लिए हम सभी काम कर रहे हैं।
सितम्बर तक हर जिले में अध्यक्ष
प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि सितम्बर तक प्रदेश के सभी जिलों में जिलाध्यक्ष हो जाएंगे। यहां तक कि मंडल स्तर पर अध्यक्ष बनाए जाएंगे। राष्ट्रीय अध्यक्ष के भी चुनाव होने जा रहे हैं। पार्टी में पूरी तरह लोकतांत्रिक काम हो रहा है।
महात्मा गांधी स्कूल ज्यादा खुलें
महात्मा गांधी स्कूल में इंटरव्यू के माध्यम से ही प्रिंसिपल व टीचर्स तय करें। वहां सभी सुविधाएं दें। पहले एक से बारहवीं तक के स्कूल खुल रहे थे लेकिन अब सरकार ने पांचवीं तक के स्कूल ही खुलेंगे। ये अच्छा निर्णय है कि पांचवीं तक ही पहले स्कूल खुलें।
