


जयपुर। आधार कार्ड, पैन कार्ड, मूल निवासी प्रमाण पत्र जैसे कई कामों के लिए अब दिव्यांग, बुजुर्गों, विधवा या सिलिकोसिस से बीमार व्यक्ति को ई-मित्र केंद्र या कियोस्क पर नहीं जाना पड़ेगा। उनका हर काम घर बैठे होगा। यहां तक कि ई-मित्र संचालक खुद घर आकर आपके सारे काम पूरे करेगा। खास बात ये है कि इस सुविधा के लिए कोई चार्ज भी नहीं लिया जाएगा।ये सुविधा शुरू होने के बाद बुजुर्ग, दिव्यांग या विधवा महिला घर बैठे अपनी सामाजिक पेंशन के वेरिफिकेशन, आवेदन से लेकर हर वह काम जो ई-मित्र के जरिए होते हैं, वो करवा सकेंगे।दरअसल, प्रदेश में लाखों सीनियर सिटीजन, दिव्यांग, विधवा व सिलिकोसिस पीडि़त मरीज हैं। पेंशन वेरिफिकेशन, राशन कार्ड में नाम जुड़वाने, जाति, मूलनिवासी प्रमाण पत्र, पेंशन, पालनहार योजना आदि में नाम जुड़वाने जैसे 10 से ज्यादा काम हैं, जिन्हे करने के लिए अबतक ई-मित्र तक जाना जरूरी होता था। घंटों कतार में लगना पड़ता था, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।
बजट में हुई घोषणा के मुताबिक अब सीएम अशोक गहलोत ने ‘मुख्यमंत्री हमारी जिम्मेदारी योजना’ शुरू की है, जिसमें ये सर्विस इन कैटेगरी के लोगों को फ्री और घर बैठे उपलब्ध करवाने का निर्णय किया गया है।
कैसे मिलेगा सुविधा का लाभ
इस योजना का लाभ लेने के लिए लाभार्थी को सीएम हेल्पलाइन नंबर 181 पर कॉल करना होगा।
कॉल करके अपनी जानकारी और ई-मित्र के जरिए क्या काम है, उसके बारे में बताना होगा।
कॉल सेंटर प्रतिनिधि आपका सर्विस रिक्वेस्ट नंबर बुक कर पास के ही ई-मित्र सर्विस प्रोवाइडर को फॉरवर्ड करेगा।
एक फिक्स टाइम में ई-मित्र एजेंट आपके घर आएगा।
जो भी काम आप करवाना चाहते हैं, उससे जुड़े डॉक्यूमेंट की कॉपी लेकर जाएगा।
आपका आवेदन मंजूर होने के बाद बनने वाले सर्टिफिकेट को डाक के जरिए आपके घर तक पहुंचाया जाएगा।
कॉल करके पूछेंगे- आपका कोई काम है क्या?
इस सर्विस के शुरू होने के बाद जो कंपनी इस प्रोजेक्ट पर काम करेगी, उसके एग्जीक्यूटिव भी ऐसे लोगों को कॉल करके समय-समय पर पूछेंगे कि उन्हें ई-मित्र से संबंधित कोई काम है क्या? इसका डेटा जन आधार कार्ड के जरिए जुटाया जाएगा।उदाहरण के लिए मान लीजिए रजनी देवी दिव्यांग हैं। उनके जन आधार कार्ड में परिवार के किसी भी सदस्य की डिटेल नहीं है। तब रजनी देवी के मोबाइल नंबर पर कॉल सेंटर फोन कर पूछा जाएगा कि आपका कोई काम तो नहीं है।
15.62 लाख से ज्यादा लोगों को मिलेगा फायदा
राज्य में इस स्कीम के दायरे में 15.62 लाख से ज्यादा लोग आ रहे हैं। ये वे लोग हैं, जो सरकारी रिकॉर्ड में बुजुर्ग, दिव्यांग, विधवा और सिलिकोसिस पीडि़त हैं। इसमें सबसे ज्यादा 1.35 लाख लोग जयपुर जिले के हैं।
इसके बाद भीलवाड़ा में 90 हजार 438, अजमेर में 87 हजार 947 और जोधपुर में 77 हजार 110 लोगों को इससे डायरेक्ट फायदा मिल सकता है। विभाग के पास सभी 33 जिलों का पूरा डेटा उपलब्ध है। राजस्थान में 80 हजार से ज्यादा ई-मित्र कियोस्क हैं। अकेले जयपुर में 8014 ई-मित्र कियोस्क रजिस्टर्ड हैं। सर्विस प्रोवाइडर ई-मित्र के जरिए ही सभी काम कराएंगे।
अक्टूबर से शुरू होगी स्कीम
डिपार्टमेंट ऑफ इन्फोर्मेशन टेक्नोलॉजी एण्ड कम्युनिकेशन के जॉइंट डायरेक्टर उमेश चंद जोशी ने बताया कि इस सर्विस को शुरू करने के लिए टेंडर कर दिए है। उम्मीद है कि सितंबर के आखिरी सप्ताह या अक्टूबर तक पूरी प्रक्रिया कंप्लीट कर वर्क ऑर्डर दे देंगे। हमारी कोशिश है कि जल्द से जल्द इस सर्विस को शुरू किया जाए, ताकि लोगों को इसका फायदा मिल सके।
ये सेवाएं सभी के लिए बिल्कुल फ्री
बिजली, पानी, टेलीफोन बिलों का भुगतान, जन आधार, दिव्यांगजन पंजीयन, मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के आवेदन निशुल्क हैं। इसके अलावा नेशनल पेंशन स्कीम, पीएम श्रम योगी योजना, प्रधानमंत्री किसान योजना, आयुष्मान भारत, राजस्थान स्वास्थ्य योजना, राशन कार्ड, रेलवे टिकट कैंसिल, जन आधार नामांकन, रि-प्रिंट डिजिटल साइन सर्टिफिकेट आदि सेवा का लाभ बिल्कुल नि:शुल्क उठा सकते हैं। आपको इन निशुल्क सेवाओं के नाम याद रखने हैं। यदि आप से कोई इन निशुल्क सेवाएं के बदले पैसे मांगता है, तो आपको इसके बदले पैसे नहीं देने हैं, हालांकि इसके लिए ई-मित्र घर नहीं आएंगे।
विशेष योग्यजनों (दिव्यांग) के लिए योजनाएं
राजस्थान में दिव्यांगों की सहायता के लिए 8 तरह की स्कीम चलती हैं। दिव्यांग पेंशन योजना के तहत जन्म से लेकर 8 साल की उम्र तक 250 रुपए हर महीने। 8 से 75 वर्ष की उम्र तक 500 रुपए हर महीने पेंशन मिलती है। 75 से ज्यादा उम्र होने पर 750 रुपए मिलते हैं।
– दिव्यांग की शादी करने पर 50 हजार रुपए एक मुश्त दिए जाते हैं।
– अगर किसी परिवार में दो बच्चे दिव्यांग हैं और वार्षिक आय 1 लाख 20 हजार से कम है तो उन्हें बीपीएल के समकक्ष आस्था कार्ड बनाकर दिया जाता है।
– सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के लिए 1 लाख रुपए तक की स्कोलरशिप मिलती है।
– कृत्रिम अंग लगवाने के लिए 10 हजार रुपए तक की मदद मिलती है।
