


नई दिल्ली/जयपुर। कांग्रेस विधायक दल की बैठक के बहिष्कार के मामले में उठे सियासी बवाल पर दिल्ली से लेकर जयपुर तक सियासत गर्माई हुई है। 25 सितंबर को सीएम निवास की जगह ष्ठ॥ मंत्री शांति धारीवाल के बंगले पर पैरेलल विधायक दल की बैठक के लिए विधायकों को बुलाने के मामले में तीन नेताओं को गुरुवार तक जवाब देना था। अब कांग्रेस अनुशासन समिति के मेंबर तारिक अनवर ने तीनों नेताओं का जवाब संतोषजनक होने पर माफी के संकेत भी दिए हैं।
सरकारी मुख्य सचेतक और जलदाय मंत्री महेश जोशी को ई-मेल से नोटिस ही आज मिला है। 27 सितंबर को कांग्रेस अनुशासन समिति ने मंत्री शांति धारीवाल,महेश जोशी और क्रञ्जष्ठष्ट चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ को नोटिस जारी कर 10 दिन में जवाब मांगा था। धारीवाल और राठौड़ को नोटिस पहले ही मिल चुके थे और वे जवाब दे चुके हैं।
सरकारी मुख्य सचेतक महेश जोशी शुरू से ही नोटिस नहीं मिलने का दावा कर रहे थे। गुरुवार को कांग्रेस अनुशासन समिति के सदस्य तारिक अनवर की ई-मेल आईडी से उन्हें नोटिस मिला। अब महेश जोशी ने शुक्रवार को नोटिस का जवाब देने की बात कही है।
महेश जोशी को नोटिस भेजने में गफलत सामने आई है। इसके कारण उन्हें आखिरी दिन नोटिस मिला है, जबकि 27 सितंबर को जारी हुए नोटिस का जवाब देने की समय सीमा खत्म हो रही है। महेश जोशी ने ई-मेल पर आज नोटिस मिलने की पुष्टि करते हुए इसकी सूचना मेल से रिप्लाई की है।
तारिक अनवर बोले-अभी किसी का जवाब नहीं मिला
कांग्रेस अनुशासन समिति के मेंबर तारिक अनवर ने कहा कि तीन नेताओं में से अभी तक किसी का भी जवाब नहीं मिला है। हो सकता है 9 दिन नवरात्र की पूजा पाठ होने की वजह से जवाब में देरी हो रही हो, मेरा मानना है कि तीनों के जवाब जल्दी आ जाएंगे।
जवाब आने के बाद अनुशासन कमेटी की बैठक बुलाकर देखा जाएगा कि उनके जवाब संतोषजनक है या नहीं। हमारे ऑब्जर्वर ने जो रिपोर्ट दी है वही उसका आधार है,रिपोर्ट में जो आरोप लगाए उसके आधार पर वो नोटिस का क्या जवाब देते हैं इस पर आगे का एक्शन तय होगा। अगर उनका जवाब संतोषजनक होगा तो माफ भी किया जा सकता है।
धारीवाल और राठौड़ ने जवाब भेजा
मंत्री शांति धारीवाल और चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ ने कांग्रेस अनुशासन समिति को नोटिस का जवाब भेज दिया है। तीनों नेताओं ने शुरू से ही अनुशासनहीनता से इनकार करते हुए अपने स्टैंड का बचाव किया था। नोटिस के जवाब में भी अनुशासनहीनता से इनकार करते हुए धारीवाल ने नोटिस में उठाए गए बिंदुओं का जवाब दिया है।
विधायक दल बैठक बहिष्कार मामले में गहलोत मांग चुके माफी
25 सितंबर को सीएम निवास पर कांग्रेस विधायक दल की बैठक का अशोक गहलोत खेमे के विधायकों ने बहिष्कार किया था। इसके कारण नए सीएम के चयन के लिए हाईकमान को अधिकार सौंपने का प्रस्ताव पारित नहीं हो पाया। विधायक दल की बैठक का गहलोत गुट के विधायकों के बहिष्कार के बाद ऑब्जर्वर मल्लिकार्जुन खडग़े और अजय माकन ने सोनिया गांधी को रिपोर्ट दी।
इस रिपोर्ट के आधार पर कांग्रेस अनुशासन समिति ने 27 सितंबर को तीन नेताओं को नोटिस जारी कर 10 दिन में जवाब मांगा। इस मामले में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 29 सितंबर को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलकर माफी मांगी थी। गहलोत ने सार्वजनिक रूप से सोनिया गांधी से सॉरी फील करने का बयान दिया था। इस घटना के बाद गहलोत ने अध्यक्ष पद पर नॉमिनेशन नहीं करने की घोषणा की। माना जा रहा है कि गहलोत की माफी के बाद कांग्रेस अनुशासन समिति के रुख में नरमी आई है।
नोटिस के जवाब के बाद अब अगले एक्शन का इंतजार
तीनों नेताओं के जवाब के बाद अब कांग्रेस अनुशासन कमेटी इनके खिलाफ एक्शन लेने या माफ करने पर फैसला करेगी। अनुशासन कमेटी ने ऑब्जर्वर की रिपोर्ट को आधार बनाया है। तीनों नेताओं के खिलाफ एक्शन लेने या माफ करने से प्रदेश का सियासी नरेटिव तय होगा।
