Bikaner News: गोचर भूमि को लेकर संत समाज में आक्रोश
बीकानेर। गोचर भूमि के नामांतरण और उपयोग को लेकर संत समाज व सामाजिक संगठनों का विरोध अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच गया है। शुक्रवार को रानीबाजार स्थित गोदावरी पैलेस में साधु-संत समाज, सामाजिक संगठनों, अखिल भारतीय गौवंश गोचर संरक्षण संस्थान बीकानेर और गोचर ओरण संरक्षक संघ राजस्थान की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई।
प्रेस वार्ता में महामण्डलेश्वर सरजुदास महाराज ने राजस्थान सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि 01 सितंबर 2025 को जारी नोटिफिकेशन के जरिए गोचर भूमि को बीकानेर विकास प्राधिकरण के नाम दर्ज करना प्रदेशभर के संत समाज और गौसेवकों की धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ है।
मास्टर प्लान में गोचर भूमि को लेकर आपत्ति
संत समाज ने आगामी मास्टर प्लान 2023-2043 का हवाला देते हुए कहा कि शरह नथानिया, सुजानदेसर, भीनासर और उदयरामसर समेत करीब 40 हजार बीघा गोचर भूमि को आवासीय और कॉमर्शियल श्रेणी में शामिल करने का प्रस्ताव रखा गया है, जो कानून और परंपराओं के खिलाफ है।
वक्ताओं का कहना था कि गोचर भूमि केवल पशुओं के लिए ही नहीं, बल्कि पर्यावरण और ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ है।
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27 जनवरी तक का अल्टीमेटम
शिवबाड़ी पीठाधीश्वर विमर्शानन्द महाराज ने स्पष्ट चेतावनी देते हुए कहा कि यदि 17 अप्रैल 2025 और 01 सितंबर 2025 के नोटिफिकेशन 27 जनवरी 2026 तक वापस नहीं लिए गए और गोचर भूमि को उसके मूल खाते में बहाल नहीं किया गया, तो संत समाज सर्व समाज और गौपालकों के साथ जिला कलेक्टर कार्यालय के सामने अनिश्चितकालीन धरना शुरू करेगा।
उन्होंने कहा कि आंदोलन के दौरान कर्मिक अनशन, भूख हड़ताल, बीकानेर बंद और अन्य सभी लोकतांत्रिक विरोध के तरीके अपनाए जाएंगे।
खेजड़ी संरक्षण आंदोलन को समर्थन
प्रेस कॉन्फ्रेंस में बिश्नोई समाज द्वारा चलाए जा रहे खेजड़ी संरक्षण आंदोलन को भी पूर्ण समर्थन देने की घोषणा की गई। संत समाज का कहना है कि गोचर भूमि में तीन से चार लाख खेजड़ी वृक्ष मौजूद हैं, ऐसे में गोचर और खेजड़ी संरक्षण को एक ही आंदोलन के रूप में आगे बढ़ाया जाएगा।
देशभर से संतों की भागीदारी
मनोज सेवग ने बताया कि 27 जनवरी को प्रस्तावित धरने में देशभर से बड़ी संख्या में संतों की उपस्थिति तय हो चुकी है। अनुमान है कि 200 से 500 साधु-संत स्थायी रूप से आंदोलन में शामिल रहेंगे। कई महंतों और संतों ने वीडियो संदेश जारी कर आंदोलन को समर्थन देने की घोषणा भी की है।
आंदोलन को तेज करने की अपील
गोचर आंदोलन से जुड़ी आगे की रणनीति की जानकारी संयोजक शिव कुमार गहलोत ने दी। उन्होंने संत समाज के सानिध्य में आंदोलन को और अधिक संगठित और प्रभावी बनाने की अपील की।
बड़ी संख्या में संत और सामाजिक प्रतिनिधि मौजूद
प्रेस वार्ता में महामण्डलेश्वर सरजुदास महाराज, विमर्शानन्द महाराज, महंत शंकरपुरी, योगी सुरजनाथ, योगी विलासनाथ, महंत सुभाषगिरी, योगी ओमनाथ, योगी रामनाथ, योगी दीपकपुरी, विश्वतगिरी, पन्नानथ, विमलगिरी, मदनदास, आकाशानन्द महाराज सहित अनेक संत-महात्मा और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि मौजूद रहे।

