Bikaner News: बातचीत के बाद फिलहाल टली हड़ताल
बीकानेर सहित प्रदेशभर में प्रस्तावित एंबुलेंस कर्मियों की हड़ताल फिलहाल टल गई है। रविवार को एंबुलेंस यूनियन और प्रशासनिक अधिकारियों के बीच हुई बातचीत के बाद 31 दिसंबर तक हड़ताल स्थगित करने का निर्णय लिया गया। इससे आमजन को बड़ी राहत मिली है, क्योंकि 104 और 108 एंबुलेंस सेवाएं फिलहाल सुचारु रूप से चलती रहेंगी।
इससे पहले एंबुलेंस यूनियन ने 28 दिसंबर की रात 12 बजे से हड़ताल पर जाने की घोषणा की थी। लेकिन ऐन समय पर अधिकारियों के साथ चर्चा होने के बाद यह फैसला बदला गया।
टेंडर प्रक्रिया में संशोधन के संकेत
यूनियन पदाधिकारियों के अनुसार, रविवार को एम्बुलेंस टेंडर से जुड़ा आरएफपी (रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल) का शुद्धिपत्र प्राप्त हुआ है। इसमें यह स्पष्ट किया गया है कि 31 दिसंबर को 104 एंबुलेंस के टेंडर को लेकर कंपनियों की ओर से प्री-बिड सबमिशन किया जाएगा। इसी दौरान टेंडर की शर्तों पर चर्चा की जाएगी।
इसी प्रक्रिया को देखते हुए यूनियन ने हड़ताल को फिलहाल टालने का निर्णय लिया है।
- Advertisement -
31 दिसंबर तक सामान्य रहेगी एंबुलेंस सेवा
एंबुलेंस यूनियन के बीकानेर जिला अध्यक्ष सहीराम गोदारा ने बताया कि यूनियन के पांच सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल की अधिकारियों से सकारात्मक माहौल में बातचीत हुई। अधिकारियों ने भरोसा दिलाया है कि मौजूदा टेंडर की अवधि को 29 दिसंबर से बढ़ाकर 31 दिसंबर तक एकबारगी किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि यूनियन की मांगों पर 31 दिसंबर तक गंभीरता से विचार किया जाएगा, इसी आश्वासन के बाद हड़ताल स्थगित की गई है।
किन मांगों को लेकर है विवाद
यूनियन का कहना है कि नए टेंडर में कई विसंगतियां हैं, जिनमें सुधार जरूरी है।
मुख्य मांगें इस प्रकार हैं:
-
कार्य अवधि को पहले की तरह 8 घंटे ही रखा जाए, जबकि नए टेंडर में 12 घंटे का प्रावधान किया गया है।
-
वर्तमान में मिल रहे लगभग 12,500 रुपये वेतन में 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी की जाए।
-
हर वर्ष वेतन में 10 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि सुनिश्चित की जाए।
इन बिंदुओं को लेकर यूनियन और प्रशासन के बीच अभी सहमति नहीं बन पाई है।
बीकानेर के 230 कर्मियों की रोजी पर संकट
बीकानेर जिले में 108, 104 और ममता एक्सप्रेस सहित कुल 56 एंबुलेंस संचालित हैं, जिनमें करीब 230 एंबुलेंस कार्मिक कार्यरत हैं। नए टेंडर को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। हड़ताल की स्थिति में इन कर्मचारियों की रोजी-रोटी पर संकट गहराने की आशंका थी, हालांकि फिलहाल 31 दिसंबर तक यह संकट टल गया है।

