बीकानेर। कृषि विभाग ने किसानों के हितों से खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए बड़ी कार्रवाई की है। अवैध रूप से यूरिया की खरीद-बिक्री में लिप्त पाए जाने पर गोण (ऊन) मंडी, बीकानेर स्थित आदान विक्रेता हनुमान एग्रो पेस्टीसाइड के उर्वरक एवं कीटनाशी अनुज्ञापत्र निलंबित कर दिए गए हैं।
कृषि विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार 23 दिसंबर को हिन्दुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (HURL) का यूरिया बीकानेर पहुंचा था। आरोप है कि संबंधित फर्म ने निर्धारित प्रक्रिया का पालन किए बिना यूरिया प्राप्त कर उसका अवैध रूप से विक्रय किया। इसी दौरान पूगल निवासी कृषक हरिकिशन जब यूरिया लेने फर्म पर पहुंचा तो वहां मौजूद अशोक सियाग ने उसे यूरिया देने से मना कर दिया, जबकि अन्य किसानों को यूरिया के साथ जबरन टैगिंग कर टीएसपी और माइकोराइजा उर्वरक थमाए जा रहे थे।
यूरिया नहीं मिलने और जबरन अन्य उर्वरक देने की शिकायत किसान हरिकिशन ने कृषि विभाग में दर्ज कराई। शिकायत के आधार पर विभागीय अधिकारियों की टीम ने हनुमान एग्रो पेस्टीसाइड का सघन निरीक्षण किया। जांच के दौरान अवैध तरीके से यूरिया बेचने सहित कई गंभीर अनियमितताएं सामने आईं।
निरीक्षण के समय फर्म के प्रोपराइटर मनोज कुमार मूंड की उपस्थिति में उर्वरकों के नमूने लिए गए, जिन्हें विश्लेषण के लिए प्रयोगशाला भेजा गया है। प्रथम दृष्टया नियमों के उल्लंघन को गंभीर मानते हुए संयुक्त जांच दल की अनुशंसा पर संयुक्त निदेशक कृषि विस्तार मदनलाल ने आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955, उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 और कीटनाशी अधिनियम 1968 के तहत कार्रवाई करते हुए फर्म के सभी संबंधित अनुज्ञापत्र निलंबित कर दिए।
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इस संयुक्त जांच दल में सहायक निदेशक कृषि मीनाक्षी शर्मा, कृषि अधिकारी रामनिवास चौधरी, गिरीराज चारण और ममता कुमारी शामिल रहे। कार्रवाई के दौरान सहायक कृषि अधिकारी धनाराम बेरड़, देवेंद्र सिंह तथा कृषि पर्यवेक्षक मोहन कुलडिया, कांता मूंड, हरीश और धर्माराम भी मौके पर उपस्थित रहे।

