रेरा की सख्ती से बदला रियल एस्टेट का माहौल
राजस्थान में रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (RERA) की सख्त कार्रवाई ने बिल्डर और डवलपर्स के बीच हलचल मचा दी है। बिना रेरा पंजीयन के मकान और भू-खंड बेचने वाले प्रोजेक्ट्स पर शिकंजा कसते हुए न केवल एफआईआर दर्ज कराई गईं, बल्कि करोड़ों रुपये की पेनल्टी भी वसूली गई। इसका सीधा असर यह हुआ कि राज्य में रेरा रजिस्ट्रेशन की संख्या में रिकॉर्ड बढ़ोतरी देखने को मिली है।
बिना रजिस्ट्रेशन बेच रहे थे मकान और भू-खंड
रेरा के सामने यह तथ्य सामने आया कि कई शहरों में बिल्डर और डवलपर्स बिना अनिवार्य रजिस्ट्रेशन के आवासीय योजनाएं चला रहे थे। इससे आम खरीदारों का पैसा जोखिम में पड़ रहा था। नियमों की अनदेखी कर किए जा रहे विज्ञापन और बेचान पर रेरा ने जब कार्रवाई शुरू की, तो बड़ी संख्या में अनियमित प्रोजेक्ट्स सामने आए।
रेरा की जांच में सामने आया कि तय प्रावधानों के विपरीत योजनाएं विकसित की गईं। ऐसे मामलों में एफआईआर दर्ज कराने के साथ-साथ तीन करोड़ रुपये से अधिक की पेनल्टी वसूली गई है। कुछ प्रोजेक्ट्स को निरस्त करने की प्रक्रिया भी शुरू की गई है।
रजिस्ट्रेशन में दोगुनी से ज्यादा बढ़ोतरी
रेरा की सख्ती का सबसे बड़ा असर पंजीयन के आंकड़ों में देखने को मिला। जहां पिछले वर्ष 566 प्रोजेक्ट्स का रजिस्ट्रेशन हुआ था, वहीं चालू वर्ष में अब तक यह संख्या बढ़कर 1134 तक पहुंच चुकी है। यह वृद्धि इस बात का संकेत है कि डवलपर्स अब नियमों का पालन करने को मजबूर हो रहे हैं।
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शहरों में रजिस्ट्रेशन की स्थिति
वर्ष 2024-25 के दौरान प्रमुख शहरों में रेरा पंजीयन में उल्लेखनीय बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
हनुमानगढ़ में जहां पहले सिर्फ 1 प्रोजेक्ट पंजीकृत था, वहीं अब यह संख्या 62 तक पहुंच गई है।
गंगानगर में 29 से बढ़कर 151,
भीलवाड़ा में 3 से 27,
जोधपुर में 55 से 100,
सीकर में 41 से 67
और उदयपुर में 10 से बढ़कर 27 प्रोजेक्ट्स का रजिस्ट्रेशन हुआ है।
जागरूकता और सख्ती साथ-साथ
रेरा ने केवल दंडात्मक कार्रवाई तक खुद को सीमित नहीं रखा। सोशल मीडिया, जनसंपर्क अभियानों और कार्यशालाओं के माध्यम से आम लोगों को यह जानकारी दी गई कि रेरा पंजीयन क्यों जरूरी है। इन कार्यक्रमों में बिल्डर-डवलपर्स, स्टेकहोल्डर्स, जिला प्रशासन और आमजन को शामिल किया गया।
साथ ही बिना पंजीयन विज्ञापन जारी करने और संपत्ति बेचने वालों पर विशेष निगरानी रखी गई, जिससे नियमों की अनदेखी करने वालों पर तत्काल कार्रवाई हो सके।
नेतृत्व में चला अभियान
यह पूरा अभियान रेरा चेयरमैन वीनू गुप्ता और रजिस्ट्रार राजीव जैन के निर्देशन में संचालित किया गया। अधिकारियों का साफ कहना है कि उपभोक्ताओं के हितों से समझौता किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और नियम तोड़ने वालों पर आगे भी कड़ी कार्रवाई जारी रहेगी।

