आरजीएचएस योजना पर सख्ती, बीकानेर सहित प्रदेशभर में कार्रवाई से हड़कंप
बीकानेर। राजस्थान सरकार की राजस्थान गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (आरजीएचएस) में सामने आई गड़बड़ियों के बाद स्वास्थ्य विभाग ने कड़ा रुख अपनाया है। योजना के तहत अनियमितताओं के आरोप में प्रदेशभर में 1411 मेडिकल स्टोर और निजी अस्पतालों को पोर्टल से ब्लॉक कर दिया गया है। इनमें अकेले बीकानेर जिले के 35 मेडिकल स्टोर और अस्पताल शामिल हैं।
यह कार्रवाई ऐसे समय में की गई है, जब आरजीएचएस से जुड़े दवा विक्रेता और निजी अस्पताल लगभग 1200 करोड़ रुपये के लंबित भुगतान को लेकर आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं। एक ओर भुगतान अटकने से नाराजगी है, तो दूसरी ओर अचानक हुई ब्लॉक कार्रवाई से चिकित्सा क्षेत्र में अफरा-तफरी का माहौल बन गया है।
राज्यभर में व्यापक जांच के बाद हुई कार्रवाई
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सूत्रों के अनुसार, आरजीएचएस में कथित घोटालों के उजागर होने के बाद सरकार ने प्रदेशभर में पंजीकृत 4871 मेडिकल स्टोर और 1720 निजी अस्पतालों की जांच करवाई थी। जांच के दौरान कई जगहों पर नियमों की अनदेखी, गलत बिलिंग और प्रक्रिया में गंभीर लापरवाही सामने आई। इसके बाद विभाग ने दोषी पाए गए संस्थानों को योजना से बाहर करते हुए पोर्टल पर ब्लॉक कर दिया।
बीकानेर के 35 संस्थानों पर गिरी गाज
बीकानेर में जिन मेडिकल स्टोर और अस्पतालों को आरजीएचएस के तहत ब्लॉक किया गया है, उन पर योजना के नियमों के उल्लंघन का आरोप है। विभाग का कहना है कि इन संस्थानों द्वारा इलाज और दवाओं के वितरण में तय मानकों का पालन नहीं किया गया।
ब्लॉक किए गए प्रमुख संस्थानों में डीटीएम हॉस्पिटल, डॉ. गुलाब बोथरा डायग्नोस्टिक एंड इमेजिंग सेंटर, धनवंतरी मेडिकॉज, जोशी फार्मेसी, एलएन गांधी मेडिकोज, वर्धन मेडिकल स्टोर, शर्मा एजेंसीज, जिंदल फार्मा, सोनी मेडिकल एंड जनरल स्टोर, बी राजा ड्रग हाउस, श्री श्याम मेडिकल, पीबीएम परिसर स्थित मेडिकल स्टोर, शर्मा आयुर्वेद, यश मेडिकल एंड जनरल स्टोर, अग्रवाल मेडिकल स्टोर, विजय फार्मा, गुप्ता एजेंसीज, ज्योति मेडिकोज, अपोलो फार्मेसी सहित अन्य नाम शामिल हैं।
आगे और सख्ती के संकेत
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि आरजीएचएस जैसी महत्वाकांक्षी योजना में पारदर्शिता बनाए रखना सरकार की प्राथमिकता है। जांच में दोषी पाए गए संस्थानों के खिलाफ आगे भी कार्रवाई की जा सकती है। वहीं, ब्लॉक किए गए मेडिकल स्टोर और अस्पतालों को अपना पक्ष रखने का मौका दिए जाने की प्रक्रिया भी तय नियमों के अनुसार की जाएगी।
इस कार्रवाई के बाद बीकानेर सहित पूरे प्रदेश में चिकित्सा क्षेत्र में हलचल तेज हो गई है और आने वाले दिनों में आरजीएचएस को लेकर और बड़े फैसले होने की संभावना जताई जा रही है।

