नोखा के जिला अस्पताल में सुरक्षा व्यवस्था पर एक बार फिर सवाल खड़े हो गए हैं। मंगलवार को महज आधे घंटे के अंतराल में जेबकतरों ने मरीजों के परिजनों को निशाना बनाते हुए दो अलग-अलग वारदातों को अंजाम दिया। इन घटनाओं में कुल 60 हजार रुपये पार हो गए, जिससे अस्पताल परिसर में अफरा-तफरी का माहौल बन गया।
भीड़ का फायदा उठाकर की गई वारदात
जानकारी के अनुसार, जेबकतर अस्पताल परिसर में इलाज के लिए आए मरीजों के परिजनों के साथ ही घूमते रहे और भीड़भाड़ का फायदा उठाकर जेब साफ कर ले गए।
पहली घटना में सिंधु गांव निवासी हरिराम की जेब से 50 हजार रुपये निकाल लिए गए। इसके कुछ ही समय बाद रायसर निवासी दशरथ मांझू की जेब से 10 हजार रुपये गायब हो गए।
लगातार हो रही घटनाओं से परिजन परेशान
अस्पताल में मौजूद अन्य मरीजों के परिजनों ने बताया कि इस तरह की घटनाएं यहां आम हो चुकी हैं। कभी नकदी चोरी हो रही है तो कभी मोबाइल और अन्य कीमती सामान गायब हो जाता है। उनका आरोप है कि अस्पताल प्रशासन सुरक्षा व्यवस्था को लेकर गंभीर नहीं है, जिससे आए दिन लोग जेबकतरों का शिकार हो रहे हैं।
पुलिस जांच में जुटी, सीसीटीवी खंगाले जा रहे
घटना की सूचना मिलते ही परिजनों ने पुलिस को जानकारी दी। पुलिस टीम मौके पर पहुंची और मामले की जांच शुरू कर दी गई है। अस्पताल परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है, ताकि आरोपियों की पहचान की जा सके।
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सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल
लगातार हो रही चोरी की घटनाओं के बाद अस्पताल प्रशासन की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। मरीजों के परिजनों ने मांग की है कि अस्पताल में सुरक्षा गार्ड बढ़ाए जाएं और निगरानी व्यवस्था को मजबूत किया जाए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं पर रोक लग सके।

