मॉक ड्रिल का उद्देश्य और प्रक्रिया
इस मॉक ड्रिल का उद्देश्य संदिग्ध वस्तु की सूचना मिलने पर सुरक्षा एजेंसियों की प्रतिक्रिया समय का आकलन करना था। इस अभ्यास में भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण, विमानपत्तन सुरक्षा दल (APSU), जिला पुलिस, बम निरोधक दस्ता (BDDS), अग्निशमन विभाग, इंटेलिजेंस ब्यूरो, मेडिकल सेवाएं, SDRF और अन्य संबंधित एजेंसियों ने सक्रिय रूप से भाग लिया।
सभी संबंधित संस्थाओं को बिना पूर्व सूचना दिए हवाई अड्डे पर एक संदिग्ध वस्तु पाए जाने की सूचना दी गई। इससे सुरक्षा एजेंसियों को अपने प्रतिक्रिया समय और सुरक्षा प्रक्रियाओं की दक्षता का मूल्यांकन करने का अवसर मिला।
सुरक्षा एजेंसियों का सक्रिय योगदान
ड्रिल के दौरान, पुलिस और एयरपोर्ट अथॉरिटी के अधिकारी मौके पर मौजूद थे, और बम की सूचना मिलते ही सुरक्षा एजेंसियों ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए तत्परता दिखाई। यह अभ्यास इस बात को सुनिश्चित करने के लिए किया गया था कि किसी भी वास्तविक आपदा की स्थिति में सभी एजेंसियां प्रभावी ढंग से प्रतिक्रिया कर सकें।
बीकानेर एयरपोर्ट के निदेशक राजेन्द्र सिंह ने जानकारी दी कि यह मॉक ड्रिल यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए आयोजित की गई थी। उन्होंने बताया कि ड्रिल की समीक्षा विमानपत्तन निदेशक राजेन्द्र सिंह बघेला की अध्यक्षता में की गई। बैठक में CASO वसीम अहमद, इंटेलिजेंस ब्यूरो के प्रतिनिधि, SHO नाल पुलिस, BDDS टीम, SDRF और अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
ड्रिल का संचालन और समापन
मॉक ड्रिल का संचालन मुख्य सुरक्षा अधिकारी आकाश मोदी और प्रबंधक विवेक यादव द्वारा निर्धारित मानकों के अनुसार किया गया। ड्रिल के समापन के बाद, विमानपत्तन निदेशक ने सभी संस्थाओं और अधिकारियों को उनके सहयोग और महत्वपूर्ण योगदान के लिए धन्यवाद दिया।
यह मॉक ड्रिल बीकानेर एयरपोर्ट पर सुरक्षा प्रक्रियाओं को मजबूत करने और किसी भी आपातकालीन स्थिति से प्रभावी ढंग से निपटने की तैयारी का अहम हिस्सा मानी जा रही है।