राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले में प्रस्तावित एथेनॉल फैक्ट्री के विरोध ने बड़ा रूप ले लिया है। टिब्बी क्षेत्र के राठीखेड़ा में प्रस्तावित फैक्ट्री के खिलाफ हनुमानगढ़ जंक्शन की धान मंडी में किसान महापंचायत की शुरुआत हो चुकी है। इस महापंचायत में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत की मौजूदगी ने आंदोलन को और धार दे दी है। पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के कई जिलों से बड़ी संख्या में किसान यहां पहुंचे हैं।
महापंचायत का समय दोपहर 12 बजे तय था, लेकिन उससे पहले ही किसान धान मंडी में जुटने लगे। मंच से लगातार यह अपील की जा रही है कि यदि किसी भी स्थान पर पुलिस किसानों को रोकती है या कोई अवरोध उत्पन्न किया जाता है, तो इसकी सूचना तुरंत संघर्ष समिति को दी जाए। प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं, हालांकि किसानों को शांतिपूर्ण तरीके से मंडी में प्रवेश दिया जा रहा है।
क्या हैं किसानों की प्रमुख मांगें
किसान संगठनों की सबसे बड़ी मांग राठीखेड़ा में प्रस्तावित एथेनॉल फैक्ट्री के एमओयू को रद्द करने की है। इसके अलावा टिब्बी क्षेत्र में हुए पूर्व घटनाक्रम से जुड़े किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने और उस दौरान कथित तौर पर जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी उठाई जा रही है। किसान नेताओं ने साफ शब्दों में कहा है कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जातीं, आंदोलन जारी रहेगा।
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सरकार की समिति पर किसानों का सवाल
राज्य सरकार ने एथेनॉल फैक्ट्री से होने वाले संभावित प्रदूषण और भूजल पर पड़ने वाले असर की जांच के लिए एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया है। इस समिति के अध्यक्ष बीकानेर संभागीय आयुक्त हैं, जबकि वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के विशिष्ट शासन सचिव को सदस्य सचिव बनाया गया है। हनुमानगढ़ जिला कलेक्टर, राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण मंडल के वरिष्ठ पर्यावरण अभियंता और भूजल विभाग के मुख्य अभियंता भी समिति में शामिल हैं। यह समिति अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपेगी।
हालांकि किसान संगठनों का कहना है कि यह समिति केवल समय निकालने और “आंखों में धूल झोंकने” का प्रयास है।
पुलिस छावनी में बदला इलाका
महापंचायत को देखते हुए पूरे क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था बेहद कड़ी कर दी गई है। करीब 1500 पुलिस जवानों की तैनाती की गई है। धान मंडी के मुख्य गेट को छोड़कर अन्य सभी प्रवेश द्वार बंद कर दिए गए हैं और वहां ट्रॉलियां लगाकर रास्ते रोके गए हैं। कलेक्ट्रेट से लगभग आधा किलोमीटर पहले ही मार्ग अवरुद्ध कर दिए गए हैं। कई स्तरों पर बैरिकेडिंग की गई है और पुलिस वाहन लगातार गश्त कर रहे हैं।
प्रशासन टिब्बी की पिछली घटनाओं को ध्यान में रखते हुए अतिरिक्त सतर्कता बरत रहा है। वहीं किसान संगठनों का दावा है कि आसपास के राज्यों से हजारों किसान महापंचायत में शामिल होने के लिए पहुंच रहे हैं। फिलहाल स्थिति शांतिपूर्ण बनी हुई है, लेकिन आंदोलन के चलते क्षेत्र में तनाव का माहौल बना हुआ है।


