इंडिगो की लगातार हो रही फ्लाइट्स कैंसिलेशन से परेशान यात्रियों की शिकायतें अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुकी हैं। सोमवार को एक अधिवक्ता ने तात्कालिक सुनवाई की मांग करते हुए कहा कि एयरलाइन बिना पूर्व सूचना के उड़ानें रद्द कर रही है, जिससे हजारों लोग हवाई अड्डों पर फंसे हुए हैं। हालांकि, मुख्य न्यायाधीश (CJI) सूर्यकांत ने तत्काल सुनवाई से इंकार करते हुए कहा कि मामले में सरकार पहले ही सक्रिय है और जांच प्रक्रिया जारी है।
सुप्रीम कोर्ट ने तुरंत सुनवाई क्यों ठुकराई
याचिकाकर्ता ने अदालत से अनुरोध किया कि यात्रियों की गंभीर परेशानी को देखते हुए मामले पर तुरंत सुनवाई हो, लेकिन CJI ने स्पष्ट किया कि अदालत किसी एयरलाइन के संचालन में सीधे हस्तक्षेप नहीं कर सकती। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार स्थिति को संभाल रही है और रिपोर्ट आने तक अदालत को इंतजार करना होगा।
CJI ने टिप्पणी की, यह एक गंभीर मुद्दा है, कई यात्रियों की यात्रा योजनाएं, चिकित्सा जरूरतें और आवश्यक कार्य बाधित हो रहे हैं, लेकिन सरकार इस पर कदम उठा रही है, इसलिए हमें पहले उनका परिणाम देखना चाहिए।
आखिर क्यों रद्द हो रही हैं इंडिगो की फ्लाइटें?
इंडिगो संकट की जड़ DGCA के हाल में लागू किए गए नए FDTL (फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन) नियमों में है।
नए नियमों में शामिल है:
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पायलटों को अतिरिक्त विश्राम
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रात में उड़ानों की संख्या पर सीमा
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लंबे शेड्यूल में कटौती
इंडिगो इन बदलावों के अनुरूप अपने क्रू और पायलटों का शेड्यूल समय पर व्यवस्थित नहीं कर सकी। परिणामस्वरूप पायलट ड्यूटी आवंटन में व्यापक गड़बड़ी हुई और 2 दिसंबर से लगातार भारी संख्या में उड़ानें रद्द होनी शुरू हो गईं। एयरलाइन का दावा है कि वह स्थिति को दुरुस्त करने में लगी है और 10 दिसंबर तक सामान्य संचालन बहाल करने का लक्ष्य है।
सरकार की ओर से अब तक उठाए गए कदम
सरकार ने इस मामले को गंभीर लापरवाही मानते हुए कई महत्वपूर्ण कार्रवाइयाँ की हैं:
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4 दिसंबर को नागरिक उड्डयन मंत्री के. राम मोहन नायडू ने उच्च स्तरीय जांच का आदेश दिया और चार सदस्यीय समिति गठित की।
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6 दिसंबर को इंडिगो को सभी रद्द उड़ानों का पूरा रिफंड देने का निर्देश दिया गया।
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अन्य एयरलाइनों द्वारा मनमाने तरीके से किराया बढ़ाने पर रोक लगाई गई।
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DGCA ने इंडिगो को नोटिस जारी कर जवाब मांगा, जिसके लिए एयरलाइन ने अतिरिक्त समय लिया।
इंडिगो ने अपने जवाब में कहा कि वह 10 दिसंबर तक नेटवर्क स्थिरता बहाल करने की दिशा में काम कर रही है।


