बीकानेर शहर की वायु गुणवत्ता शनिवार शाम चिंताजनक स्तर पर पहुंच गई। एमएम ग्राउंड के पास प्रदूषण नियंत्रण मंडल द्वारा लगाए गए डिजिटल डिस्प्ले बोर्ड पर दर्ज आंकड़ों ने साफ संकेत दिया कि शहर की हवा तेजी से बिगड़ रही है। हवा में मौजूद प्रदूषित कणों का स्तर राष्ट्रीय मानकों से काफी ऊपर पाया गया।
पीएम 2.5 और पीएम 10 के स्तर में बढ़ोतरी
शनिवार शाम प्रदूषण सूचकांक में पीएम 2.5 का स्तर 77 और पीएम 10 का स्तर 250 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज किया गया। यह स्थिति पिछले दिन की तुलना में और अधिक भयावह मानी जा रही है। शुक्रवार को पीएम 2.5 का स्तर 55 और पीएम 10 का स्तर 261 था।
राष्ट्रीय मानक के अनुसार पीएम 2.5 की सीमा 60 और पीएम10 की सीमा 100 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर है। ऐसे में शनिवार को पीएम 2.5 खराब श्रेणी में और पीएम10 बहुत खराब श्रेणी में पहुंच गया।
हवा में घुल रहे गंभीर प्रदूषक
डिजिटल बोर्ड पर दर्ज अन्य प्रदूषक भी चिंता बढ़ाने वाले रहे।
सल्फर डाइऑक्साइड: 6.3
बेंजीन: 2.36
नाइट्रोजन डाइऑक्साइड: 96.2
अमोनिया: 34.9
कार्बन मोनोऑक्साइड: 1.21
ओजोन: 44 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर
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विशेष रूप से नाइट्रोजन डाइऑक्साइड का स्तर मानक सीमा 80 से अधिक पाया गया। विशेषज्ञों के अनुसार NO2 के बढ़ने से सांस लेने में दिक्कत, फेफड़ों की क्षमता में कमी, आंखों में जलन और सिरदर्द जैसी समस्याएं बढ़ जाती हैं। इसके अलावा हवा में धुंध बनने की संभावना भी बढ़ती है।
विशेषज्ञों की चेतावनी
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि लगातार बढ़ता पीएम10 स्तर शहर की आबादी के लिए खतरनाक है। यह अस्थमा, हृदय रोग और श्वसन संबंधी समस्याओं को बढ़ा सकता है। धूल, तेज यातायात और चल रहे निर्माण कार्य से उड़ने वाले कण वायु गुणवत्ता को और खराब कर रहे हैं।
बचाव के उपाय
लंबे समय तक खुले में न रुकें।
बच्चों, बुजुर्गों और मरीजों को मास्क पहनकर ही बाहर निकलने की सलाह दी गई है।
पानी खूब पिएं और घरों में वेंटिलेशन नियंत्रित रखें।
भीड़भाड़ और धूल वाले क्षेत्रों से दूर रहें।
शहर का हाल
हवा की गुणवत्ता खराब होने के बावजूद शाम के समय एमएम ग्राउंड के आसपास लोग सामान्य दिन की तरह टहलते नजर आए। अधिकतर लोग बिना मास्क के थे, जिससे स्वास्थ्य जोखिम और बढ़ जाता है।


