उदयपुर में एक डेस्टिनेशन वेडिंग के दौरान ऐसा मामला सामने आया जिसने स्थानीय प्रशासन से लेकर केंद्रीय एजेंसियों तक को चौंका दिया। एक साधारण रैपिडो ड्राइवर के बैंक खाते में अचानक 331 करोड़ रुपये जमा पाए गए और यह घटना धीरे-धीरे एक बड़े काले धन के नेटवर्क का खुलासा बनकर सामने आई।
ताज अरावली रिजॉर्ट की शादी में उठी पहली भनक
शादी का सीजन अपने चरम पर है और उदयपुर, देशभर के लोगों के लिए डेस्टिनेशन वेडिंग का पसंदीदा शहर माना जाता है। हाल ही में ताज अरावली रिजॉर्ट में एक हाई-प्रोफाइल शादी आयोजित हुई। समारोह के बीच अचानक संदिग्ध लेन-देन की जानकारी सामने आई और कुछ ट्रांजेक्शनों का संबंध एक स्थानीय रैपिडो ड्राइवर के बैंक खाते से जुड़ता पाया गया।
गरीब ड्राइवर के खाते में 331 करोड़
जब बैंक स्टेटमेंट निकाला गया तो खुलासा हुआ कि कुछ महीनों में उसके खाते में 331 करोड़ 36 लाख रुपये की एंट्रियाँ दर्ज हैं। यह जानकर जांच एजेंसियां तुरंत हरकत में आ गईं, क्योंकि ड्राइवर की आय इतनी नहीं थी कि उसके बैंक खाते में इतनी बड़ी रकम आ सके। ड्राइवर ने पूछताछ में बताया कि उसे ऐसी किसी रकम के आने की जानकारी ही नहीं थी और वह अपने खाते का सामान्य तरीके से ही उपयोग करता था।
ईडी की जांच में उजागर हुआ ब्लैक मनी नेटवर्क
प्रवर्तन निदेशालय ने जब ट्रांजेक्शनों की गहराई से जांच की तो पता चला कि रकम का संबंध एक ऑनलाइन बेटिंग नेटवर्क से जुड़ा है। जांच में सामने आया कि 1xBet से जुड़े लोग फर्जी या मजबूर लोगों के बैंक खातों का उपयोग कर काले धन को घुमाकर वैध दिखाने की कोशिश करते थे। इस काम में ऐसे खातों का उपयोग किया जाता है जिन्हें म्यूल अकाउंट कहा जाता है।
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म्यूल अकाउंट का खेल
मनी लॉन्ड्रिंग की दुनिया में म्यूल अकाउंट ऐसे बैंक खाते होते हैं जिनके मालिकों को अक्सर असल गतिविधियों की जानकारी नहीं होती। अपराधी इन खातों को पैसों की आवाजाही के लिए इस्तेमाल करते हैं, ताकि लेन-देन का पता लगाना मुश्किल हो जाए। इस पूरे नेटवर्क में कई बार गरीब या आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को निशाना बनाया जाता है। उन्हें मामूली रकम का लालच देकर उनके खातों का उपयोग बड़े ट्रांजेक्शनों के लिए किया जाता है।
ड्राइवर को जानकारी न होना बना सबसे बड़ा संकेत
उदयपुर के इस मामले में सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि रैपिडो ड्राइवर को इस बात का अंदाजा भी नहीं था कि उसके खाते का उपयोग करोड़ों रुपये घुमाने के लिए किया जा रहा है। यही बात जांच एजेंसियों को समझ में आई कि वह किसी बड़े नेटवर्क का अनजाने में हिस्सा बनाया गया था।
जांच जारी, कई और खुलासों की उम्मीद
अधिकारियों का कहना है कि यह सिर्फ शुरुआत है और ऐसे कई बैंक खातों का इस्तेमाल इस नेटवर्क में हो सकता है। ईडी ने डिजिटल लेन-देन, इंस्टेंट पेमेंट चैनलों और बेटिंग ऐप्स की गतिविधियों की अलग से जांच शुरू कर दी है।
यह मामला इस बात की ओर संकेत करता है कि ऑनलाइन बेटिंग और मनी लॉन्ड्रिंग के बढ़ते नेटवर्क कितने व्यवस्थित और गहरे स्तर पर फैल रहे हैं। प्रशासन आम लोगों से अपील कर रहा है कि वे किसी भी स्थिति में अपने बैंक खाते या दस्तावेज अजनबियों को उपलब्ध न कराएं।
