राजस्थान पंचायत चुनाव 2025: परिसीमन के बाद नया ढांचा, ग्राम स्तर पर बढ़े प्रतिनिधित्व के अवसर
राजस्थान सरकार ने आने वाले पंचायत चुनावों की तैयारियों को तेज करते हुए पंचायतों और उनके वार्डों के पुनर्गठन की प्रक्रिया अंतिम चरण में पहुंचा दी है। भजनलाल शर्मा सरकार द्वारा किए जा रहे इस बड़े बदलाव का सीधा असर राज्य के ग्रामीण राजनीतिक ढांचे पर पड़ेगा। नए प्रावधानों के लागू होने के बाद पंचायती राज संस्थाओं में प्रतिनिधियों की संख्या पहले से काफी बढ़ जाएगी।
ग्राम पंचायतों में अब न्यूनतम 7 वार्ड
परिसीमन के बाद सबसे बड़ा बदलाव ग्राम पंचायत स्तर पर देखने को मिलेगा। पहले जहां 3000 की आबादी तक ग्राम पंचायतों में 5 वार्ड बनाए जाते थे, अब यही संख्या बढ़ाकर 7 कर दी गई है। इसके अलावा हर अतिरिक्त 1000 की जनसंख्या पर दो नए वार्ड गठित किए जा सकेंगे। इससे ग्राम स्तर पर प्रतिनिधित्व बढ़ेगा और स्थानीय शासन में अधिक लोगों की भागीदारी सुनिश्चित होगी।
पंचायत समितियों और जिला परिषदों का भी विस्तार
नई आबादी मानकों के अनुसार—
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पंचायत समिति में एक लाख की आबादी तक 15 वार्ड रहेंगे, जबकि अतिरिक्त 15,000 की जनसंख्या पर दो नए वार्ड जोड़े जाएंगे।
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जिला परिषदों में 4 लाख की आबादी तक 15 वार्ड निर्धारित किए गए हैं और हर अतिरिक्त 1 लाख की आबादी पर दो नए वार्ड बनाए जाएंगे।
प्रतिनिधियों की संख्या में बड़ा उछाल
राज्य में तीनों स्तरों की पंचायत संस्थाओं में संरचनात्मक बदलाव के बाद प्रतिनिधियों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि होने जा रही है।
पंचायत निकायों की नई संख्या
| निकाय | पहले | बढ़ोतरी | कुल |
|---|---|---|---|
| जिला परिषद | 33 | 8 | 41 |
| पंचायत समिति | 365 | 85 | 450 |
| ग्राम पंचायत | 11,194 | 3,441 | 14,635 |
पहले वार्डों की संख्या
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जिला परिषद: 1,014
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पंचायत समिति: 6,426
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ग्राम पंचायत: 1,07,707
नए ढांचे के लागू होने के बाद कुल वार्डों के आंकड़े बड़े पैमाने पर बढ़ेंगे, जिससे अनुमान है कि प्रदेश में अब लगभग डेढ़ लाख के करीब जनप्रतिनिधि पंचायत व्यवस्था में शामिल होंगे।
जिला स्तर पर पूरी होगी वार्ड गठन की प्रक्रिया
वार्ड गठन का अंतिम कार्य जिला स्तर पर पूरा किया जाएगा। पंचायत राज विभाग जल्द ही सभी जिलों को विस्तृत दिशानिर्देश भेजने वाला है, जिसमें वार्ड निर्धारण की प्रक्रिया, जनसंख्या मानक, भौगोलिक सीमा और आवश्यक औपचारिकताओं का पूरा विवरण शामिल होगा।
ग्रामीण शासन के ढांचे में बड़ा बदलाव
राजस्थान में पंचायती राज व्यवस्था हमेशा से व्यापक प्रतिनिधित्व का माध्यम रही है। नए परिसीमन और वार्ड वृद्धि के साथ यह व्यवस्था और मजबूत होगी। अधिक प्रतिनिधियों के शामिल होने से स्थानीय समस्याओं का समाधान अधिक प्रभावी तरीके से होने की उम्मीद है।
