अयोध्या में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के 673 दिन बाद आज एक ऐतिहासिक क्षण दर्ज होने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर के मुख्य शिखर पर धर्मध्वजा फहराकर मंदिर निर्माण के पूर्णत्व की औपचारिक घोषणा करेंगे। इस विशेष अनुष्ठान के लिए दोपहर 12:30 बजे का अभिजीत मुहूर्त तय किया गया है, जहां पीएम मोदी के संकेत मात्र से 161 फीट ऊंचे शिखर पर स्थापित दो किलोग्राम वजनी केसरिया ध्वजा लहराना शुरू हो जाएगा। आयोजन में करीब सात हजार लोगों के उपस्थित रहने की संभावना है।
डेढ़ किलोमीटर लंबा रोड शो
प्रधानमंत्री का आगमन इससे पहले एक भव्य रोड शो के रूप में होगा। साकेत महाविद्यालय से राम जन्मभूमि परिसर तक लगभग 1.5 किलोमीटर लंबे इस मार्ग को आठ जोनों में बांटा गया है। प्रत्येक जोन में स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं पारंपरिक थालियों, अर्चन सामग्री और पुष्प मालाओं के साथ प्रधानमंत्री का स्वागत करेंगी। पूरे रामपथ को विशेष सजावट और सुरक्षा प्रबंधों के साथ तैयार किया गया है।
बड़े नेता और वीवीआईपी पहले से मौजूद
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत एक दिन पहले ही अयोध्या पहुंच चुके हैं। शहर को 1000 क्विंटल से अधिक फूलों से सजाया गया है, जबकि उद्योग जगत, खेल, साहित्य और फिल्म उद्योग से जुड़े लगभग एक हजार विशेष अतिथि इस कार्यक्रम में भाग लेने वाले हैं।
प्रमुख दानदाताओं को विशेष निमंत्रण
राम मंदिर निर्माण में दो करोड़ रुपये या उससे अधिक योगदान देने वाले सौ से ज्यादा प्रमुख दानदाताओं को इस कार्यक्रम के लिए विशेष आमंत्रण भेजा गया है। हालांकि चारों शंकराचार्यों और अयोध्या के सांसद अवधेश प्रसाद को निमंत्रण न भेजे जाने की चर्चा भी बनी हुई है। अवधेश प्रसाद ने कहा कि यदि बुलाया जाता तो वे नंगे पैर पहुंच जाते।
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विशेष तकनीक से बनी धर्मध्वजा
मंदिर के शिखर पर लगाई जा रही यह ध्वजा आधुनिक तकनीक से तैयार की गई है। तीव्र तूफान या विपरीत मौसम में भी यह बिना उलझे अपनी दिशा स्वतः बदल लेगी। ध्वजा के दंड पर 21 किलोग्राम शुद्ध सोने की परत चढ़ाई गई है और इसका आकार ऐसा है कि यह लगभग चार किलोमीटर दूर से भी साफ दिखाई देगी।
