राजस्थान के विधायक रविन्द्र भाटी ने पंचायतों के पुनर्गठन और एसआईआर (SIR) को लेकर प्रदेश सरकार पर गंभीर सवाल उठाए हैं। भाटी ने कहा कि वर्तमान में हाफ ईयरली एग्जाम चल रहे हैं, लेकिन सभी शिक्षकों को एसआईआर में लगाया गया है। इसके चलते शिक्षकों पर अतिरिक्त दबाव बढ़ गया है। उन्होंने यह भी बताया कि आए दिन सुनने में आता है कि कुछ शिक्षकों ने अत्यधिक तनाव या हार्ट अटैक के कारण अपनी जान गंवा दी।
भाटी की सरकार से मांगें
भाटी ने कहा कि सरकार को बीएलओ पोस्ट को अलग से बनाना चाहिए। उनका तर्क है कि वर्तमान में शिक्षकों को गैर-शैक्षणिक कार्य जैसे लोगों और पशुओं की गणना में लगाया जा रहा है, जिससे शैक्षणिक गतिविधियों पर असर पड़ रहा है। उन्होंने कहा, “आज के समय में राज्य कर्मचारी सरकार के खिलाफ खुलकर बोल नहीं पा रहे हैं और उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है। हाफ ईयरली एग्जाम और शैक्षणिक गतिविधियों को देखते हुए बीएलओ को रिलीव करना अत्यंत आवश्यक है।”
एसआईआर पर भाटी का बयान
एसआईआर से संबंधित सवाल पर भाटी ने कहा कि एसआईआर पर काम करते समय हर एक चीज की प्रॉपर जांच की जानी चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि कार्य प्रणाली व्यवस्थित और पारदर्शी होनी चाहिए।
पुनर्गठन और परिसीमन पर सवाल
भाटी ने पंचायत परिसीमन और पुनर्गठन को लेकर भी सवाल उठाए। उनका कहना है कि कई काम प्रॉपर तरीके से नहीं किए गए और कई गांवों को बिना उचित कारण छेड़ा गया। उन्होंने कहा कि इन सभी मामलों पर दुबारा विचार करने की आवश्यकता है।
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