बीकानेर। स्कूलों में बच्चों को लाने-ले जाने वाले वाहनों की अव्यवस्थित और असुरक्षित व्यवस्था पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अब सख्त रुख अपनाने जा रहा है। जिला विधिक सहायता प्राधिकरण के अध्यक्ष एवं जिला एवं सत्र न्यायाधीश अतुल कुमार सक्सेना ने बताया कि जो भी वाहन निर्धारित मापदंडों का पालन नहीं करेंगे, उन्हें तुरंत रोककर सीज किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा बच्चों की सुरक्षा को सर्वोपरि मानते हुए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं और बीकानेर जिला प्राधिकरण इनके पालन को सुनिश्चित कर रहा है।
स्कूल वाहनों में पाए गए कई जोखिम
सक्सेना के अनुसार निरीक्षण के दौरान यह बार-बार देखने में आया है कि अनेक स्कूल वाहनों में बच्चों को क्षमता से अधिक बैठाया जाता है। कई थ्री-व्हीलर और पुराने वाहन ऐसे हैं जो तकनीकी रूप से अनुपयुक्त हैं, फिर भी बाल वाहिनी के रूप में उपयोग किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि अब हर वाहन में परिवहन विभाग द्वारा निर्धारित सभी सुरक्षा मानकों की अनिवार्य रूप से जांच होगी।
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संचालक और चालक के लिए सख्त शर्तें
दिशा-निर्देशों के अनुसार:
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प्रत्येक स्कूल वाहन में परिचालक का होना आवश्यक है।
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चालक के पास कम से कम पांच वर्ष पुराना वैध ड्राइविंग लाइसेंस होना चाहिए।
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चालक के खिलाफ तेज गति, नशे में ड्राइविंग, लालबत्ती क्रॉस करने या गंभीर धाराओं में मामला दर्ज होने पर उसे स्कूल वाहन चलाने की अनुमति नहीं मिलेगी।
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वाहन का रजिस्ट्रेशन, बीमा और अन्य दस्तावेज संबंधित पुलिस थाने में जमा करवाए जाएंगे।
बाल वाहिनी के लिए अनिवार्य प्रावधान
सक्सेना ने बताया कि अब केवल उसी वाहन को बाल वाहिनी माना जाएगा, जो विशेष रूप से इस उद्देश्य के लिए पंजीकृत हो। साथ ही:
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वाहन का रंग पीला होना अनिवार्य है।
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वाहन के पिछले हिस्से पर स्कूल का नाम, फोन नंबर, चालक और परिचालक के मोबाइल नंबर स्पष्ट लिखे होना आवश्यक है।
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गति सीमा अधिकतम 40 किमी प्रति घंटा होगी।
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फर्स्ट एड बॉक्स, पीने का पानी, अग्निशामक यंत्र और GPS सिस्टम वाहन में होना जरूरी है।
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खिड़कियों पर किसी भी प्रकार का पर्दा या फिल्म नहीं लगाई जाएगी।
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वाहन के गेट होना और चलते समय उनका बंद रहना अनिवार्य है।
सुप्रीम कोर्ट और नालसा के आदेशों के अनुरूप कार्रवाई
जिला प्राधिकरण की सचिव, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश मांडवी राजवी ने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा एम.सी. मेहता बनाम भारत संघ मामले में पहले ही स्कूल वाहनों के लिए कड़े मानक तय किए जा चुके हैं। इन्हीं निर्देशों को नालसा के माध्यम से राज्य स्तर पर लागू किया जा रहा है।
आम नागरिकों के लिए नई व्यवस्था
राजवी ने यह भी बताया कि स्थायी लोक अदालत के तहत अब पानी, बिजली, बैंकिंग, बीमा, सड़क और परिवहन जैसी आम समस्याओं के समाधान के लिए नागरिक ऑनलाइन अथवा कार्यालय में आवेदन कर सकते हैं, जिनका निस्तारण न्यायालयीय प्रक्रिया के तहत शीघ्र किया जाएगा।
