आडवाणी की विरासत पर बोले शशि थरूर, नेहरू और इंदिरा गांधी से की तुलना
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपप्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी की राजनीतिक विरासत पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि किसी भी नेता के लंबे सार्वजनिक जीवन को केवल एक विवादित घटना से नहीं आंका जाना चाहिए। थरूर ने उदाहरण देते हुए कहा कि जैसे नेहरू को सिर्फ 1962 के चीन युद्ध की हार से या इंदिरा गांधी को केवल आपातकाल से नहीं मापा जा सकता, वैसे ही आडवाणी को केवल 1990 की राम रथ यात्रा से आंकना अनुचित है।
जन्मदिन पर दी शुभकामनाएं, ट्वीट से छिड़ा विवाद
थरूर ने यह टिप्पणी आडवाणी के 98वें जन्मदिन (8 नवंबर) पर ‘एक्स’ (पूर्व ट्विटर) पर शुभकामनाएं देते हुए की। उन्होंने लिखा—“आडवाणी जी एक सच्चे राजनेता हैं, जिनका लोकसेवा के प्रति समर्पण, विनम्रता और सिद्धांतों के प्रति आस्था हमेशा प्रेरणादायक रही है।”
थरूर के इस संदेश पर जहां कुछ लोगों ने उनकी परिपक्व राजनीतिक दृष्टि की सराहना की, वहीं कई लोगों ने आलोचना भी की।
सोशल मीडिया पर छिड़ी बहस
सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े ने थरूर के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा, “माफ कीजिए थरूर साहब, लेकिन नफरत फैलाने वाली राजनीति को लोकसेवा नहीं कहा जा सकता।” इसके जवाब में थरूर ने कहा, “नेहरू को सिर्फ चीन की हार से और इंदिरा गांधी को केवल आपातकाल से नहीं आंका जाता। उसी तरह हमें आडवाणी जी के जीवन को भी एक घटना तक सीमित नहीं करना चाहिए। उनके दशकों लंबे सार्वजनिक जीवन में कई पहलू हैं जिन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।”
रथ यात्रा का संदर्भ और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
थरूर का यह बयान उस 1990 की राम रथ यात्रा को लेकर था, जिसे आडवाणी ने गुजरात के सोमनाथ से शुरू किया था। यह यात्रा अयोध्या में राम मंदिर आंदोलन का प्रतीक बनी और भारतीय राजनीति को नई दिशा दी। हालांकि, बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने इस यात्रा को राज्य में रोक दिया और आडवाणी को गिरफ्तार कर लिया था।
इस घटना के दो साल बाद, 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद विध्वंस हुआ, जिसने भारतीय राजनीति को गहराई से प्रभावित किया।
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प्रधानमंत्री मोदी ने दी जन्मदिन की बधाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी 8 नवंबर को दिल्ली में लाल कृष्ण आडवाणी से मुलाकात की और उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं। मोदी ने कहा, “आडवाणी जी ने भारत के लोकतांत्रिक और सांस्कृतिक परिदृश्य पर अमिट छाप छोड़ी है। उनकी दूरदर्शिता और सिद्धांतों के प्रति प्रतिबद्धता ने देश की प्रगति को मजबूती दी है। मैं उनके उत्तम स्वास्थ्य और दीर्घायु की कामना करता हूं।”
