चार साल से अफगान आतंकी संगठन से संपर्क, देश में फैला रहा था कट्टरपंथ
राजस्थान एटीएस ने आतंकवाद से जुड़े एक बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश करते हुए सांचौर के मौलवी ओसामा उमर को गिरफ्तार किया है। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि ओसामा पिछले चार वर्षों से अफगानिस्तान स्थित प्रतिबंधित आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के संपर्क में था। वह लगातार इंटरनेट कॉलिंग एप्स के माध्यम से संगठन के वरिष्ठ कमांडरों से संवाद करता था।
एटीएस सूत्रों के अनुसार, ओसामा भारत में कट्टरपंथ फैलाने और युवाओं को प्रभावित करने के मिशन पर काम कर रहा था। वह धार्मिक शिक्षाओं की आड़ में चार युवकों को ब्रेनवॉश कर उन्हें कट्टर विचारधारा अपनाने के लिए प्रेरित कर रहा था।
दुबई के रास्ते अफगानिस्तान भागने की तैयारी में था मौलवी
एटीएस की जांच में यह भी सामने आया कि ओसामा कुछ ही दिनों में दुबई के रास्ते अफगानिस्तान भागने की योजना बना चुका था। अधिकारियों के अनुसार, “अगर कार्रवाई दो दिन और टल जाती, तो वह देश से बाहर निकल सकता था।”
एटीएस आईजी विकास कुमार ने बताया कि ओसामा ने सोशल मीडिया और इंटरनेट कॉलिंग ऐप्स का उपयोग कर विदेशी संपर्क बनाए थे। उसके फोन और डिजिटल डिवाइस से कई संदिग्ध चैट्स और कॉल रिकॉर्डिंग मिली हैं, जो जांच का हिस्सा हैं।
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एटीएस की संयुक्त कार्रवाई में पांच संदिग्धों पर शिकंजा
इस नेटवर्क के खिलाफ एटीएस ने राजस्थान के चार जिलों — सांचौर, बाड़मेर, जोधपुर और करौली में एक साथ छापेमारी की थी।
इस दौरान पांच लोगों को हिरासत में लिया गया —
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ओसामा उमर (सांचौर)
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मसूद पंडीपार (बाड़मेर)
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मोहम्मद अयूब (पीपाड़, जोधपुर)
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मोहम्मद जुनेद (बागोर मोहल्ला, करौली)
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बशीर (रामसर, बाड़मेर)
अधिकारियों का कहना है कि इन सभी की भूमिका देश के भीतर कट्टरपंथी विचारधारा को फैलाने और नए युवाओं की भर्ती से जुड़ी हुई थी।
कट्टरपंथ रोकने के लिए एटीएस का डी-रेडिकलाइजेशन अभियान
राजस्थान एटीएस ने बताया कि कट्टर विचारधारा की गिरफ्त में आए युवाओं को मुख्यधारा में वापस लाने के लिए डी-रेडिकलाइजेशन प्रोग्राम चलाया जा रहा है। इसमें धार्मिक विद्वानों, मनोवैज्ञानिकों और समाजशास्त्र विशेषज्ञों की एक विशेष टीम शामिल है, जो प्रभावित युवाओं की काउंसलिंग करती है।
ओसामा जिन चार युवकों को प्रभावित कर रहा था, उन्हें अब इस प्रोग्राम के तहत निगरानी में रखा गया है ताकि उन्हें सही दिशा में लाया जा सके।
जांच एजेंसियों की नजर नेटवर्क के अन्य सदस्यों पर
एटीएस की टीम अब उन संपर्कों की जांच कर रही है जिनसे ओसामा ने पिछले चार साल में संवाद किया था। माना जा रहा है कि नेटवर्क के कुछ सदस्य राजस्थान से बाहर — उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में भी सक्रिय हो सकते हैं। अधिकारियों ने बताया कि इस केस में अंतरराष्ट्रीय खुफिया एजेंसियों से भी संपर्क किया गया है ताकि टीटीपी से जुड़े डिजिटल लिंक की पुष्टि की जा सके।
