राजस्थान में ‘गिव अप अभियान’ से नई ऊर्जा, लाखों पात्र परिवारों को मिला नया हक
जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राजस्थान ने खाद्य सुरक्षा के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज की है। राज्य सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत यह सुनिश्चित किया कि कोई भी पात्र परिवार भोजन के अधिकार से वंचित न रहे। इस दिशा में शुरू किया गया “गिव अप अभियान” सामाजिक न्याय और पारदर्शिता की एक नई मिसाल बन गया है।
पहले से पूरी थी सीमा, नए पात्र वंचित रह रहे थे लाभ से
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत राज्य में लाभार्थियों की सीमा पहले ही पूरी हो चुकी थी, जिससे कई पात्र परिवार योजना का लाभ नहीं ले पा रहे थे। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इस स्थिति को बदलने की ठानी और व्यवस्था में बड़ा सुधार लाने के लिए विशेष अभियान शुरू किया।
26 जनवरी 2025 को खाद्य सुरक्षा पोर्टल को पुनः प्रारंभ किया गया, जिसके बाद अब तक 69.50 लाख नए पात्र परिवारों को NFSA में जोड़ा जा चुका है। यह राज्य के सामाजिक कल्याण के इतिहास में सबसे बड़ा विस्तार माना जा रहा है।
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42 लाख अपात्रों ने स्वेच्छा से छोड़ा लाभ
“गिव अप अभियान” की शुरुआत 1 नवंबर 2024 को की गई थी। इस अभियान में 41.95 लाख अपात्र व्यक्तियों ने स्वेच्छा से खाद्य सुरक्षा का लाभ छोड़ दिया ताकि वास्तविक पात्र परिवारों को योजना का हक मिल सके। इसके अलावा, 27 लाख लाभार्थियों को ई-केवाईसी न कराने के कारण स्वचालित रूप से सूची से बाहर कर दिया गया।
सरकार की यह पहल अब एक सामाजिक आंदोलन का रूप ले चुकी है, जिसमें जनता खुद आगे बढ़कर बदलाव का हिस्सा बन रही है।
आसान प्रक्रिया से बढ़ी पारदर्शिता
राज्य सरकार ने पात्रता की जांच और नाम जोड़ने की प्रक्रिया को सरल बना दिया है। अब जिला कलेक्टरों को नए लाभार्थियों को जोड़ने का अधिकार दिया गया है, वहीं जो लोग योजना से नाम हटवाना चाहते हैं, वे ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से स्वयं ऐसा कर सकते हैं।
इस डिजिटल पारदर्शिता से न केवल सरकारी प्रक्रियाओं में विश्वास बढ़ा है, बल्कि पात्र नागरिकों को योजनाओं का समय पर लाभ भी मिल रहा है।
कई योजनाओं से जुड़ा समग्र लाभ
खाद्य सुरक्षा योजना से जुड़ने वाले परिवार अब प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना, मुख्यमंत्री गैस सब्सिडी, आयुष्मान भारत बीमा, निशुल्क चिकित्सा योजना और अन्य सामाजिक कल्याण कार्यक्रमों से भी लाभान्वित हो रहे हैं। सरकार का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी जरूरतमंद व्यक्ति भोजन, स्वास्थ्य और सम्मान से वंचित न रहे।
