राजस्थान में नई नीति क्रांति: कृषि से एयरोस्पेस तक राज्य का विकास रोडमैप तैयार
जयपुर। राजस्थान में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की सरकार अब विकास को नई दिशा देने की तैयारी में है। पहले जहां राज्य की 22 नीतियों में बड़े सुधार किए गए, वहीं अब सरकार 12 नई पॉलिसियों को लागू करने जा रही है। इन नीतियों के जरिये कृषि, उद्योग, एआइ, पर्यटन, डिफेंस और ग्रीन एनर्जी जैसे प्रमुख क्षेत्रों में निवेश बढ़ाने और युवाओं के लिए नए रोजगार अवसर सृजित करने पर जोर दिया जाएगा।
नई नीतियों का उद्देश्य राजस्थान को औद्योगिक, तकनीकी और हरित विकास का हब बनाना है। सरकार चाहती है कि राज्य न केवल पारंपरिक उद्योगों का केंद्र बने, बल्कि सेमीकंडक्टर, एयरोस्पेस, एआइ और ग्लोबल टेक्नोलॉजी हब के रूप में भी उभरे।
आत्मनिर्भर राजस्थान की दिशा में बड़ा कदम
सरकार की नई पहल के तहत “आत्मनिर्भर भारत डिफेंस पॉलिसी” के मॉडल पर राजस्थान में डिफेंस और एयरोस्पेस मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स स्थापित करने की योजना है। इसमें देश-विदेश की बड़ी कंपनियों को निवेश के लिए आकर्षित किया जाएगा ताकि राज्य में रक्षा उपकरणों और एयरोस्पेस कल-पुर्जों का उत्पादन यहीं किया जा सके।
विशेषज्ञों ने दी सलाह: नीतियों की मॉनिटरिंग भी हो मजबूत
नीति विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार के लगातार नीति निर्माण के प्रयास सराहनीय हैं, लेकिन इन नीतियों के लाभ को जमीनी स्तर तक पहुंचाने के लिए मॉनिटरिंग और मूल्यांकन तंत्र मजबूत किया जाना जरूरी है। इससे यह सुनिश्चित हो सकेगा कि नीतियों का वास्तविक लाभ किसानों, युवाओं और उद्यमियों को मिले।
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12 प्रस्तावित नई नीतियां – विकास का भविष्य ब्लूप्रिंट
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कृषि एवं फूड प्रोसेसिंग नीति: किसानों की आय बढ़ाने, मूल्यवर्धन और कृषि आधारित उद्योगों को प्रोत्साहन देने पर केंद्रित।
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नई औद्योगिक नीति: बड़े निवेशकों को आकर्षित करने और विनिर्माण क्षेत्र को सशक्त बनाने की रणनीति।
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एआइ और मशीन लर्निंग नीति: युवाओं को आधुनिक तकनीक जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डेटा साइंस और ऑटोमेशन के लिए प्रशिक्षित करना।
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ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर नीति: राजस्थान को बहुराष्ट्रीय कंपनियों के लिए नया “टेक एंड नॉलेज हब” बनाना।
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नई पर्यटन नीति: राजस्थान की सांस्कृतिक विरासत, ग्रामीण और ईको-टूरिज्म को बढ़ावा देना।
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ग्रीन ग्रोथ क्रेडिट नीति: सौर ऊर्जा, जैविक खेती और हरित उद्योगों को प्रोत्साहित कर पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा।
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स्पोर्ट्स नीति: खिलाड़ियों के लिए आधुनिक प्रशिक्षण केंद्र और विश्वस्तरीय खेल सुविधाओं का विकास।
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एग्रो-फॉरेस्ट्री नीति: खेती और वानिकी के बीच संतुलन बनाते हुए ग्रामीण रोजगार के अवसर बढ़ाना।
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आईटी आउटसोर्सिंग और फॉरेस्ट नीति: ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर और पर्यावरणीय विकास को जोड़ना।
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ट्रेड प्रमोशन नीति: स्थानीय व्यापारियों और छोटे उद्योगों को प्रोत्साहन, राज्य में निवेश को सरल बनाना।
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सेमीकंडक्टर नीति: हाई-टेक इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण, पैकेजिंग और टेस्टिंग सुविधाओं की स्थापना को बढ़ावा।
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स्पेस और एयरो डिफेंस नीति: एयरोस्पेस और डिफेंस सेक्टर में अनुसंधान, उत्पादन और निवेश को बढ़ावा देना।
पहले ही लागू हो चुकी हैं ये 22 नीतियां
राज्य सरकार अब तक 22 प्रमुख नीतियां लागू कर चुकी है जिनमें शामिल हैं —
क्लीन एनर्जी, राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना, एवीजीसी-एक्सआर पॉलिसी, एक्सपोर्ट प्रमोशन, गारमेंट एंड अपैरल पॉलिसी, वेयरहाउसिंग और लॉजिस्टिक्स, डेटा सेंटर, एमएसएमई नीति, खनिज नीति, युवा नीति, स्किल डेवलपमेंट नीति, हिल और टाउनशिप बायलॉज, भूमि आवंटन, बिल्डिंग रेगुलेशन, एम सैंड और डवलपमेंट प्रमोशन एंड कंट्रोल रेगुलेशन जैसी नीतियां।
सरकार का लक्ष्य: निवेश, नवाचार और रोजगार
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की मंशा है कि नई नीतियां राज्य की अर्थव्यवस्था को बहुआयामी बनाएं और युवाओं को प्रदेश में ही अवसर मिले। इन नीतियों से न केवल निवेश बढ़ेगा, बल्कि “मेड इन राजस्थान” ब्रांड को भी नई पहचान मिलेगी।
