नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने लाखों कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आठवें केंद्रीय वेतन आयोग (8th Central Pay Commission) को औपचारिक मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही आयोग की कार्य-अवधि, संरचना और संदर्भ शर्तों (Terms of Reference) को भी स्वीकृति मिल गई है। इस फैसले से देशभर के लगभग 50 लाख सरकारी कर्मचारी और 69 लाख पेंशनभोगी लाभान्वित होंगे।
आयोग की संरचना और समयसीमा तय
केंद्र सरकार के अनुसार, 8वां वेतन आयोग एक अस्थायी निकाय के रूप में गठित किया गया है, जिसमें एक अध्यक्ष, एक अंशकालिक सदस्य और एक सदस्य-सचिव शामिल होंगे। आयोग को अपने गठन की तारीख से 18 महीनों के भीतर अपनी अंतिम सिफारिशें पेश करनी होंगी। जरूरत पड़ने पर आयोग विशिष्ट मामलों पर अंतरिम रिपोर्ट (Interim Report) भी प्रस्तुत कर सकता है।
आर्थिक हालात और राजकोषीय अनुशासन का ध्यान
सरकार ने आयोग को निर्देश दिया है कि अपनी रिपोर्ट तैयार करते समय वर्तमान आर्थिक स्थिति, महंगाई और राजकोषीय अनुशासन को ध्यान में रखा जाए। साथ ही यह सुनिश्चित किया जाए कि विकास और कल्याणकारी योजनाओं के लिए पर्याप्त संसाधन बने रहें। यह भी अपेक्षा की गई है कि आयोग की सिफारिशें आर्थिक स्थिरता और विकास दोनों के बीच संतुलन बनाए रखें।
कब से लागू होगा आठवां वेतन आयोग?
NC-JCM (स्टाफ साइड) के सचिव शिव गोपाल मिश्रा ने बताया कि 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी 2026 से लागू मानी जाएंगी। अगर सिफारिशें समय पर लागू नहीं होती हैं, तो कर्मचारियों को जनवरी 2026 से एरियर (arrears) के साथ भुगतान किया जाएगा।
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कर्मचारियों की उम्मीदें और आर्थिक असर
सरकारी कर्मचारियों को उम्मीद है कि आठवां वेतन आयोग उनकी मूल वेतन संरचना, भत्तों और पेंशन लाभों में महत्वपूर्ण बढ़ोतरी की सिफारिश करेगा। हालांकि, वित्त विशेषज्ञों का कहना है कि इससे सरकार पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ बढ़ सकता है, लेकिन इससे खपत और अर्थव्यवस्था में गति आने की भी संभावना है।
