सवाई माधोपुर। राजस्थान में पंचायत चुनाव की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। निर्वाचन आयोग ने ग्राम पंचायत, पंचायत समिति और जिला परिषद सदस्यों के लिए चुनाव चिह्न जारी कर दिए हैं, जिसके बाद गांवों में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। सवाईमाधोपुर जिले और भाड़ौती उपखंड क्षेत्र में पंचायती राज चुनाव की सरगर्मी चरम पर पहुंच गई है।
इस बार दीपावली का त्योहार केवल शुभकामनाओं का माध्यम नहीं रहा, बल्कि संभावित दावेदारों ने इसे मतदाताओं से संपर्क और सामाजिक संबंध मजबूत करने के अवसर के रूप में उपयोग किया। ग्रामीण इलाकों में चाय की थड़ियों, चौपालों और बाजारों में अब सिर्फ चुनावी चर्चाओं का माहौल देखने को मिल रहा है।
निर्वाचन आयोग ने पंच पद के उम्मीदवारों को इस बार रोचक चुनाव चिह्न आवंटित किए हैं, जिनमें अलमारी, चप्पल, कोर्ट, गुब्बारा, चारपाई, चूड़ियां, मिक्सी, ब्रेंच, टेलीविजन, रेफ्रिजरेटर और फूलगोभी शामिल हैं। वहीं, सरपंच पद के उम्मीदवारों के लिए प्रेस, स्लेट, केतली, सोफा, हेलमेट, लेडीज पर्स, लैटर बॉक्स, सिरिंज, टायर, प्रेशर कूकर, कैमरा और पानी का टैंक जैसे अनोखे प्रतीक दिए गए हैं। इन प्रतीकों ने मतदाताओं के बीच उत्सुकता और चर्चा का माहौल बना दिया है।
वर्ष 2021 से अब तक जिले की खिरनी, बामनवास, वजीरपुर, बौंली और खंडार ग्राम पंचायतों को नगर पालिका का दर्जा मिल चुका है। हालांकि 2024 के बजट में खिरनी को पुनः ग्राम पंचायत का दर्जा दिया गया है। इन क्षेत्रों में अब वार्ड पार्षद और पालिका अध्यक्ष के चुनाव होंगे। सीमांकन और मतदाता सूची की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं, जिससे चुनावी परिदृश्य नया रूप ले चुका है।
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सवाईमाधोपुर जिले में कुल आठ पंचायत समितियां सक्रिय हैं – सवाईमाधोपुर, खंडार, चौथ का बरवाड़ा, मलारना डूंगर, बौंली, गंगापुर सिटी, बामनवास और नवीन प्रस्तावित वजीरपुर। इसके अलावा 39 नई ग्राम पंचायतें प्रस्तावित की गई हैं, 97 का पुनर्गठन हुआ है और 127 ग्राम पंचायतें यथावत रखी गई हैं। अब जिले में कुल 263 ग्राम पंचायतें होंगी।
ग्राम पंचायतों का कार्यकाल जनवरी 2025 में समाप्त हो चुका है, जबकि जिला परिषद और पंचायत समितियों का कार्यकाल दिसंबर 2025 तक है। हालांकि चुनाव आयोग ने अभी तक चुनाव कार्यक्रम घोषित नहीं किया है, लेकिन सरकार की योजना है कि पंचायती राज चुनाव एक साथ कराए जाएं।


