राजस्थान की राजधानी जयपुर में इंजीनियरिंग तकनीक का एक अनोखा उदाहरण सामने आया है। रामगढ़ मोड़ बस स्टैंड स्थित नंदपुरी कॉलोनी में एक मकान मालिक ने अपने दो मंजिला मकान को बिना तोड़े धरातल से तीन फीट ऊपर उठाने का काम सफलतापूर्वक पूरा कराया है।

क्यों उठाना पड़ा घर को?
नंदपुरी कॉलोनी में पिछले कई वर्षों से बारिश के दौरान जलभराव सबसे बड़ी समस्या बनी हुई थी। यहां अधिकांश मकानों का प्लिंथ लेवल सड़क से नीचे होने के कारण, हर मानसून में घरों में पानी घुस जाता था। इससे दीवारों में सीलन, फर्नीचर का नुकसान और बीमारियों का खतरा बढ़ गया था।
इसी समस्या से परेशान होकर कॉलोनी के एक निवासी ने अपने मकान को ऊंचा उठाने का निर्णय लिया।
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कैसे उठाया गया दो मंजिला मकान?
मकान को उठाने के लिए दिल्ली स्थित एक निजी इंजीनियरिंग कंपनी को जिम्मेदारी सौंपी गई। कंपनी ने 175 हाइड्रोलिक जैक का इस्तेमाल करते हुए घर को जमीन से तीन फीट ऊपर उठाया। इस प्रक्रिया में 119 मजदूरों ने 14 दिनों तक लगातार काम किया।
कुल 1600 वर्ग फीट क्षेत्रफल वाले इस मकान को उठाने में लगभग 2.5 लाख रुपये का खर्च आया। कंपनी के विशेषज्ञों ने बताया कि इस तकनीक से मकान की संरचनात्मक मजबूती पर कोई असर नहीं पड़ता।

तकनीकी पहलू और सुरक्षा मानक
हाइड्रोलिक लिफ्टिंग तकनीक का उपयोग मुख्य रूप से उन इलाकों में किया जाता है, जहाँ सड़कें मकानों से ऊंची हो जाती हैं या जलनिकासी की समस्या बनी रहती है। इसमें घर को समान रूप से जैक की मदद से ऊपर उठाया जाता है और बाद में नई नींव डाली जाती है।
विशेषज्ञों का कहना है कि यदि सभी तकनीकी मानकों का पालन किया जाए, तो मकान की दीवारों और बीम पर कोई दबाव नहीं पड़ता।

स्थानीय लोगों ने कही ये बात
कॉलोनी के निवासियों ने इस पहल की खुले दिल से सराहना की। उनका कहना है कि इस तकनीक से न केवल व्यक्तिगत घर बल्कि पूरी कॉलोनी की जलभराव समस्या का समाधान किया जा सकता है। लोगों ने प्रशासन से अपील की है कि अब नाले और ड्रेनेज सिस्टम को भी सुधारा जाए ताकि यह स्थायी समाधान बन सके।



