Rajasthan Lado Protsahan Yojana 2025: अब निजी स्कूलों की बालिकाओं को भी मिलेगा सीधा लाभ
राजस्थान सरकार की महत्वाकांक्षी लाडो प्रोत्साहन योजना (Lado Protsahan Yojana 2025) अब केवल सरकारी विद्यालयों तक सीमित नहीं रहेगी। राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि मान्यता प्राप्त निजी विद्यालयों में अध्ययनरत बालिकाओं को भी इस योजना का लाभ प्रदान किया जाएगा। योजना का उद्देश्य बालिकाओं के जन्म से लेकर शिक्षा तक उन्हें आर्थिक सुरक्षा और प्रोत्साहन देना है।
डेढ़ लाख की आर्थिक सहायता सीधे बैंक खाते में
इस योजना के अंतर्गत उन बालिकाओं को कुल 1.5 लाख रुपये की सहायता राशि दी जाती है जिनका जन्म सरकारी या सरकार से अधिकृत चिकित्सा संस्थान में हुआ हो। यह राशि 7 किश्तों में सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में DBT (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से भेजी जाती है। इसका उद्देश्य बेटियों की शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण में सुधार लाना है।
योजना की धीमी प्रगति पर समीक्षा, अब होगी कार्यशाला
शैक्षणिक सत्र 2024–25 से यह योजना निजी विद्यालयों की छात्राओं के लिए भी लागू होनी थी, लेकिन अब तक इसकी प्रगति उम्मीद के मुताबिक नहीं रही। इसी कारण महिला अधिकारिता, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य और स्कूल शिक्षा विभाग के संयुक्त तत्वावधान में जिलास्तरीय आमुखीकरण कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी। इन कार्यशालाओं में अधिकारियों को योजना की अद्यतन प्रक्रिया, पात्रता शर्तें और भुगतान प्रणाली की जानकारी दी जाएगी।
नवंबर में दो चरणों में होंगी कार्यशालाएं
राज्य सरकार के अनुसार, नवंबर 2025 में दो चरणों में ये कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी। इसमें जिले के सभी सरकारी और निजी विद्यालयों के नोडल अधिकारी, पीईईओ, यूसीईईओ, और सीबीईईओ कार्यालयों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। इसका उद्देश्य योजना के क्रियान्वयन में पारदर्शिता और एकरूपता लाना है।
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आवेदन प्रक्रिया अब ‘शाला दर्पण पोर्टल’ पर
लाडो प्रोत्साहन योजना की पूरी प्रक्रिया को शाला दर्पण पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन किया जाएगा।
कार्यशाला के दौरान अधिकारियों को यह सिखाया जाएगा कि —
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आवेदन कैसे भरें,
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जरूरी दस्तावेज अपलोड करें,
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आवेदन लॉक करें,
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और भुगतान की स्थिति ट्रैक करें।
इस डिजिटल प्रक्रिया से आवेदन की पारदर्शिता और गति दोनों बढ़ेंगी।
योजना का उद्देश्य और प्रभाव
राज्य सरकार का लक्ष्य है कि किसी भी बालिका को आर्थिक अभाव के कारण शिक्षा से वंचित न होना पड़े। यह योजना ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ के उद्देश्य को मजबूत बनाती है। सरकार का मानना है कि इससे बालिकाओं की शिक्षा दर बढ़ेगी और परिवारों में बेटियों के जन्म को लेकर सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित होगा।


