जम्मू। जम्मू-कश्मीर विधानसभा के शरदकालीन सत्र के पहले दिन पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक को श्रद्धांजलि देने के दौरान नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विधायकों के बीच तीखी बहस देखने को मिली। श्रद्धांजलि प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान माहौल इतना गरमा गया कि सदन में हंगामा हो गया और कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा।
श्रद्धांजलि पर विवाद से गरमाया सदन
NC विधायक बशीर वीरी ने श्रद्धांजलि भाषण के दौरान सत्यपाल मलिक की भूमिका को “विवादास्पद” बताते हुए कहा कि उनके कार्यकाल में कई संवेदनशील निर्णय लिए गए जो राज्य के लिए कठिन साबित हुए। उन्होंने मलिक को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि जनता को उनके कार्यों से सबक लेना चाहिए।
BJP विधायकों ने वीरी की इस टिप्पणी पर कड़ा विरोध दर्ज कराया और इसे सदन की मर्यादा के खिलाफ बताया। भाजपा विधायक विक्रम रंधावा ने टिप्पणी को कार्यवाही से हटाने की मांग की, जबकि स्पीकर अब्दुल रहीम ने संयम बरतने की अपील करते हुए टिप्पणी हटाने से इनकार कर दिया।
विपक्षी दलों की प्रतिक्रिया
कांग्रेस विधायक दल के नेता जीए मीर ने सत्यपाल मलिक को एक “साहसी और स्पष्टवादी नेता” बताया। उन्होंने कहा कि मलिक खुलकर बोलने वाले नेता थे और जनता में लोकप्रियता रखते थे।
वहीं, पीडीपी विधायक रफीक नाइक ने सभी सदस्यों से अपील की कि दिवंगत व्यक्ति के प्रति सम्मान बनाए रखें और उनके बारे में नकारात्मक टिप्पणी न करें।
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सीपीएम नेता एमवाई तारिगामी ने कहा कि श्रद्धांजलि देने का उद्देश्य केवल सम्मान प्रकट करना नहीं, बल्कि उनसे जुड़े अनुभवों से सीख लेना भी होना चाहिए।
अनुच्छेद 370 को लेकर फिर छिड़ी बहस
BJP विधायक विक्रम रंधावा ने चर्चा के दौरान कहा कि 5 अगस्त का दिन — जिस दिन अनुच्छेद 370 हटाया गया और संयोग से सत्यपाल मलिक का निधन भी हुआ — जम्मू-कश्मीर के इतिहास का “ऐतिहासिक दिन” है। इस बयान पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायकों ने तीव्र विरोध जताया।
सीएम उमर अब्दुल्ला की सलाह
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि “हर व्यक्ति से गलती होती है, और दिवंगत नेताओं के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी कि हम लंबी बहसों के बजाय जनकल्याण के कार्यों पर ध्यान दें।”
उन्होंने सुझाव दिया कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा में भी भारतीय संसद की तर्ज पर मृत्युलेख प्रक्रिया अपनाई जाए, ताकि केवल मौजूदा विधायकों के निधन पर ही विस्तृत चर्चा हो और बाकी मामलों में अध्यक्ष संक्षिप्त श्रद्धांजलि दें।
कार्यवाही सोमवार तक स्थगित
श्रद्धांजलि प्रस्ताव पर हंगामे के बाद विधानसभा की कार्यवाही सोमवार तक स्थगित कर दी गई। इससे पहले सदन ने सभी दिवंगत नेताओं के प्रति दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की।