डीग। राजस्थान सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के निधन के बाद मिलने वाली पारिवारिक पेंशन व्यवस्था में बड़ा बदलाव किया है। राज्य के वित्त विभाग ने राजस्थान सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1996 में संशोधन करते हुए नई व्यवस्था को 1 जनवरी 2025 से लागू करने का निर्णय लिया है। इस बदलाव का उद्देश्य पेंशन के दुरुपयोग को रोकना और केवल वास्तविक पात्रों तक इसका लाभ सुनिश्चित करना है।
अब सीमित वर्ग को ही मिलेगा पारिवारिक पेंशन का लाभ
संशोधित नियमों के अनुसार, अब पारिवारिक पेंशन केवल अविवाहित पुत्रों और पुत्रियों को ही दी जाएगी, बशर्ते उनकी मासिक आय 12,500 रुपये से कम हो। यदि किसी लाभार्थी की आय इस सीमा से अधिक हो जाती है या वे विवाह कर लेते हैं, तो वे पेंशन प्राप्त करने के पात्र नहीं रहेंगे।
दिव्यांग बच्चों को दी गई विशेष राहत
राज्य सरकार ने दिव्यांग बच्चों के लिए विशेष प्रावधान जोड़े हैं। मानसिक या शारीरिक रूप से दिव्यांग पुत्र और पुत्री की वैवाहिक स्थिति अब पेंशन पात्रता को प्रभावित नहीं करेगी। यदि उनकी मासिक आय 8,850 रुपये (महंगाई राहत सहित) से कम है, तो वे पारिवारिक पेंशन प्राप्त करते रहेंगे।
हर छह महीने देना होगा प्रमाणपत्र
नई व्यवस्था के तहत, सभी पात्र पुत्रों और पुत्रियों को हर छह महीने में अपनी आय और वैवाहिक स्थिति का प्रमाणपत्र देना अनिवार्य होगा। निर्धारित अवधि में प्रमाणपत्र जमा नहीं करने पर पेंशन अस्थायी रूप से रोक दी जाएगी।
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पारदर्शिता और जवाबदेही पर जोर
वित्त विभाग के सचिव (नियम) नवीन जैन ने बताया कि यह संशोधन पारिवारिक पेंशन के दुरुपयोग पर रोक लगाने और पात्र व्यक्तियों को ही लाभ दिलाने के उद्देश्य से किया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार दिव्यांगजनों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और उनके लिए सुरक्षा व सहारा प्रदान करने की दिशा में यह कदम अहम साबित होगा।
नियम 62 और 67 में संशोधन
वित्त विभाग ने सेवा नियमों के नियम 62 और 67 में बदलाव करते हुए आश्रित पुत्र-पुत्रियों के मामलों को स्पष्ट किया है। साथ ही आय सीमा बढ़ाकर परिवारों को आर्थिक राहत देने का प्रयास किया गया है।
पेंशन नियमों में बदलाव की मुख्य बातें
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आय सीमा: 12,500 रुपये से अधिक आय होने पर पेंशन बंद होगी।
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प्रमाणपत्र: हर छह महीने में आय और वैवाहिक स्थिति का प्रमाणपत्र देना अनिवार्य।
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दिव्यांग लाभार्थी: विवाह का प्रभाव नहीं, आय सीमा 8,850 रुपये प्रतिमाह तक मान्य।
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नया नियम लागू: 1 जनवरी 2025 से नई व्यवस्था प्रभावी होगी।