केरल में बढ़ता भगवा प्रभाव: पिनराई विजयन ने जताई राज्य की सांस्कृतिक पहचान खोने की आशंका
केरल की राजनीति में सियासी पारा चढ़ता जा रहा है। 2026 के विधानसभा चुनावों से पहले राज्य की सत्ता पर कब्जे के लिए बीजेपी अपनी रणनीति तेज़ कर चुकी है। वहीं, मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने एक बार फिर आरएसएस और बीजेपी के बढ़ते प्रभाव को राज्य की सांस्कृतिक और सामाजिक पहचान के लिए खतरा बताया है। उनका कहना है कि अगर केरल में संघ की विचारधारा को बढ़त मिलती है, तो यह राज्य अपनी विशिष्टता खो सकता है।
शाह के बयान से भड़की बहस
विजयन का यह बयान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की उस टिप्पणी के बाद आया है जिसमें उन्होंने कहा था कि आगामी विधानसभा चुनावों में बीजेपी को केरल में बहुमत मिलेगा। शाह ने यह दावा मलयाला मनोरमा द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में किया था और कहा था कि भाजपा स्थानीय निकाय चुनावों में 25% तक वोट हासिल कर सकती है।
मुख्यमंत्री विजयन ने इसे सिर्फ एक राजनीतिक बयान नहीं बल्कि “खतरे की घंटी” बताया। उन्होंने कहा, “जब देश का गृह मंत्री इस तरह की बातें करता है, तो हमें इसे गंभीरता से लेना होगा। यह केवल वामपंथी दलों का नहीं, बल्कि पूरे केरल समाज का मुद्दा है।”
केरल की सामाजिक संरचना पर मंडरा रहा खतरा?
सीएम विजयन ने अपने संबोधन में केरल की सामाजिक और सांस्कृतिक विविधता को रेखांकित करते हुए कहा कि राज्य की सुंदरता इसकी समावेशी सोच में है। उन्होंने एक किस्से का जिक्र किया जिसमें एक आरएसएस से जुड़े व्यक्ति ने केरल की साफ-सुथरी सड़कों और लोगों की सादगी देखकर हैरानी जताई थी। विजयन के अनुसार, “यह वह केरल है जहां समानता, स्वच्छता और सामाजिक सद्भाव मौजूद है। अगर आरएसएस की विचारधारा यहां प्रभावी हो गई, तो यह सब खत्म हो जाएगा।”
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“आरएसएस रसोई तक घुसने की कोशिश करता है”
विजयन ने यह भी आरोप लगाया कि जहां-जहां बीजेपी सत्ता में है, वहां व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर हमला किया जाता है। उन्होंने कहा, “आज हम जो खाना चाहते हैं, वह खा सकते हैं, जो पहनना चाहते हैं, पहन सकते हैं। लेकिन आरएसएस के प्रभाव में यह आज़ादी खत्म हो सकती है। वे आपके रसोईघर तक में झांकना चाहते हैं।”
सांस्कृतिक प्रतीकों को निशाना बनाने का आरोप
सीएम विजयन ने संघ परिवार पर केरल की सांस्कृतिक परंपराओं को बदलने की कोशिश का भी आरोप लगाया। उन्होंने ओणम त्योहार और सबरीमाला मंदिर का उल्लेख करते हुए कहा कि बीजेपी और आरएसएस महाबली की जगह वामन को प्राथमिकता देना चाहते हैं। साथ ही, सबरीमाला मंदिर की उस परंपरा पर भी हमला किया जा रहा है जिसमें भगवान अयप्पा के साथ वावर नामक मुस्लिम चरित्र की उपस्थिति को अहम माना जाता है।
विजयन ने कहा, “वे वावर की भूमिका को मिटाने की कोशिश कर रहे हैं क्योंकि वे एक मुस्लिम को सम्मानित स्थान पर नहीं देखना चाहते। अगर उन्हें सत्ता मिल गई, तो सबरीमाला की परंपरा तक बदल दी जाएगी।”
संविधानिक मूल्यों की रक्षा की अपील
सीएम विजयन ने कहा कि भारतीय संविधान सभी नागरिकों को समान अधिकार देता है, विशेषकर अल्पसंख्यकों को सुरक्षा प्रदान करता है। लेकिन संघ परिवार बार-बार इन मूल्यों पर हमला करता है। “केरल की पहचान उसकी बहुलता में है, लेकिन आरएसएस इसे एकरूपता में बदलना चाहता है, जहां विविधता के लिए कोई जगह नहीं होगी।”
सीपीएम की सांस्कृतिक विरासत को किया गया याद
यह पूरा बयान विजयन ने कन्नूर जिले में आयोजित एक कार्यक्रम में दिया, जहां अझिकोडन स्मारक हॉल का उद्घाटन किया गया। यह हॉल कम्युनिस्ट नेता अझिकोडन की स्मृति में बनाया गया है। कार्यक्रम में सीपीएम के वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं ने भाग लिया और वामपंथी आंदोलन की सांस्कृतिक विरासत को भी याद किया गया।