गृह मंत्रालय की सख्ती: सीमा से लगे 30 किमी क्षेत्र में अवैध धार्मिक ढांचे हटाने का आदेश
नई दिल्ली – राष्ट्रीय सुरक्षा को सर्वोपरि मानते हुए भारत सरकार ने पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल और म्यांमार जैसे देशों की अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से सटे 30 किलोमीटर के भीतर स्थित अवैध धार्मिक ढांचों को हटाने का निर्णय लिया है। यह कदम देश की सीमाओं पर हो रहे जनसांख्यिकीय परिवर्तन (Demographic Change) और अवैध घुसपैठ की आशंकाओं को देखते हुए उठाया गया है।
गृह मंत्रालय ने इस अभियान को सीमा सुरक्षा और आंतरिक स्थिरता के लिए अत्यावश्यक बताते हुए 17 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को निर्देश जारी किए हैं।
किन राज्यों को मिले निर्देश?
गृह मंत्रालय ने जिन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को यह निर्देश दिए हैं, उनमें शामिल हैं:
उत्तर प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, बिहार, पंजाब, उत्तराखंड, अरुणाचल प्रदेश, असम, सिक्किम, त्रिपुरा, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, जम्मू-कश्मीर (यूटी), लद्दाख (यूटी)।
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अब तक कहां-कहां हुआ एक्शन?
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उत्तर प्रदेश: नेपाल सीमा से सटे सात जिलों – लखीमपुर खीरी, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, महाराजगंज, बहराइच, बलरामपुर और पीलीभीत – में 298 अवैध धार्मिक निर्माण चिह्नित किए गए हैं, जिनमें से कई को ध्वस्त किया जा चुका है।
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गुजरात: समुद्री सीमावर्ती क्षेत्रों में कार्रवाई जारी है। पिरोटन द्वीप पर करीब 4,000 वर्ग फीट में फैले अवैध ढांचों को हटाया गया है।
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राजस्थान: यहां कार्रवाई की तैयारी चल रही है, जल्द ही अभियान शुरू किया जाएगा।
अमित शाह के निर्देश
गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में सीमा प्रबंधन विभाग और राज्य सरकारों के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक कर स्पष्ट निर्देश दिए कि:
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सीमा के 30 किमी के भीतर कोई भी अवैध धार्मिक निर्माण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
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संबंधित जिलों के कलेक्टर सुनिश्चित करें कि ऐसे किसी निर्माण की पहचान होते ही कार्रवाई की जाए।
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पलायन रोकने के लिए सीमावर्ती गांवों में रोजगार और बुनियादी सुविधाओं को प्राथमिकता दी जाए।
डेमोग्राफिक बदलाव: एक साजिश?
गृह मंत्रालय द्वारा कराई गई जांच में सामने आया है कि सीमावर्ती जिलों में जनसंख्या में असामान्य बदलाव सिर्फ भौगोलिक कारणों से नहीं, बल्कि यह एक सुनियोजित साजिश का हिस्सा हो सकता है।
इसका सीधा असर सीमा की सुरक्षा, सामाजिक संतुलन और सांप्रदायिक सौहार्द पर पड़ता है।
वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम 2.0: गांवों को बनाया जाएगा सुरक्षा कवच
पलायन को रोकने और सीमावर्ती गांवों को मजबूत बनाने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम 2.0 के तहत 17 राज्यों को 6,839 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है। इस योजना के तहत:
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होमस्टे, टूरिज्म और अन्य स्थानीय रोजगार बढ़ाए जाएंगे
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सीमावर्ती गांवों की आबादी को बढ़ाकर उन्हें रणनीतिक रूप से सशक्त किया जाएगा
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अरुणाचल प्रदेश में इस योजना के सकारात्मक परिणाम देखे जा चुके हैं, अब इसे अन्य राज्यों में लागू किया जाएगा
डेमोग्राफिक स्टडी के लिए हाई पॉवर्ड कमेटी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को लाल किले से भाषण में घोषणा की थी कि सीमावर्ती जिलों में डेमोग्राफिक चेंज पर अध्ययन के लिए एक उच्चाधिकार प्राप्त मिशन का गठन किया जाएगा।
यह मिशन जांच करेगा:
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घुसपैठ से जनसंख्या में आए बदलाव
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धार्मिक व सामाजिक ढांचे पर असर
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सुरक्षा एजेंसियों को उत्पन्न चुनौतियां
इस रिपोर्ट के आधार पर केंद्र सरकार एक सुदृढ़ राष्ट्रीय कार्ययोजना पर काम करेगी।