अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच सीमा पर हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं। अफगान तालिबान सरकार ने दावा किया है कि बीती रात हुई मुठभेड़ में पाकिस्तान के 58 सैनिक मारे गए हैं। वहीं पाकिस्तान ने जवाबी कार्रवाई में अफगानिस्तान की कई अग्रिम चौकियों को टैंक, तोप और ड्रोन हमलों से निशाना बनाया है। दोनों देशों के बीच यह संघर्ष अंगूर अड्डा, बाजौर, कुर्रम, दीर, चित्राल, खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान के बरामचा क्षेत्र तक फैल गया है।
पाकिस्तान का आरोप है कि तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के आतंकियों को घुसपैठ कराने के लिए अफगान सीमा से गोलीबारी की गई। वहीं अफगानिस्तान का कहना है कि पाकिस्तान ने हाल ही में उसके हवाई क्षेत्र में बमबारी की थी, जिसके जवाब में यह कार्रवाई की गई। अफगान सरकार के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने दावा किया कि अफगान बलों ने पाकिस्तान की 25 सैन्य चौकियों पर कब्जा किया है, 58 सैनिकों को मार गिराया है और 30 को घायल किया है।
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पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच यह संघर्ष कई वर्षों से चले आ रहे तनाव की नई कड़ी माना जा रहा है। पाकिस्तान का कहना है कि अफगान तालिबान, टीटीपी आतंकियों को संरक्षण दे रहा है। हाल ही में खैबर पख्तूनख्वा के अरकजई इलाके में हुए आतंकी हमले में एक लेफ्टिनेंट कर्नल सहित 11 पाकिस्तानी सैनिकों की मौत हुई थी, जिसके बाद पाकिस्तान ने काबुल में हवाई हमला कर टीटीपी ठिकानों को निशाना बनाया। इसके जवाब में अफगानिस्तान ने सीमा चौकियों पर हमला किया।
कुनार, नांगरहार, पक्तिका, खोश्त और हेलमंद इलाकों में दोनों तरफ से गोलीबारी की पुष्टि हुई है। लगातार हो रही हिंसा को देखते हुए अमेरिका, सऊदी अरब, कतर और ईरान सहित कई देशों ने चिंता जताई है और दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील की है। सऊदी अरब के विदेश मंत्रालय ने दोनों देशों से शांति बनाए रखने और तनाव कम करने की बात कही है।
रक्षा विशेषज्ञ संजीव श्रीवास्तव ने कहा कि अफगानिस्तान की जवाबी कार्रवाई पाकिस्तान की उत्तेजक नीतियों का परिणाम है। पाकिस्तान ने पहले अफगान सीमा के भीतर बमबारी की थी, जिसके चलते अफगानिस्तान ने यह कदम उठाया। उन्होंने कहा कि यह साफ संकेत है कि दोनों देशों के रिश्ते अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच चुके हैं।
इस बीच पाकिस्तान आंतरिक संकटों से भी जूझ रहा है। तहरीक-ए-लबैक पाकिस्तान (टीएलपी) संगठन के समर्थक फिलिस्तीनियों के समर्थन में इस्लामाबाद तक मार्च कर रहे हैं। यह मार्च हिंसक हो चुका है, जिसमें पुलिस की गोलीबारी में कई टीएलपी समर्थक मारे गए हैं। इसके बावजूद प्रदर्शनकारी अभी भी राजधानी की ओर बढ़ने पर अड़े हुए हैं। स्थिति को देखते हुए देश में तनाव और बढ़ गया है।