सरकारी इमारतों में हादसों पर भड़का राजस्थान हाईकोर्ट, सरकार से 9 अक्टूबर तक मांगा सुरक्षा रोडमैप
जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य में लगातार हो रहे सरकारी इमारतों से जुड़े हादसों पर कड़ी नाराजगी जताई है। कोर्ट ने सवाल उठाते हुए कहा – “सरकारी भवनों को क्या हो गया है? कुछ ढह रहे हैं, कुछ में आग लग रही है।” कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिए हैं कि वह 9 अक्टूबर 2025 तक सभी सरकारी इमारतों की सुरक्षा से जुड़ा विस्तृत रोडमैप पेश करे।
एसएमएस अग्निकांड बना कोर्ट की टिप्पणी का आधार
यह कड़ी टिप्पणी हाईकोर्ट ने सोमवार को उस समय की जब जयपुर स्थित सवाई मानसिंह अस्पताल (SMS Hospital) में रविवार रात आग लगने की घटना में आठ मरीजों की मौत हो गई।
इस हादसे ने राज्यभर में सरकारी इमारतों की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी है।
झालावाड़ स्कूल हादसे पर चल रही थी सुनवाई
कोर्ट यह टिप्पणी उस जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान कर रही थी, जो झालावाड़ जिले में जुलाई 2025 में स्कूल की छत गिरने से हुई सात छात्रों की मौत से संबंधित थी।
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सुनवाई कर रही थी खंडपीठ – न्यायमूर्ति महेंद्र कुमार गोयल और न्यायमूर्ति अशोक कुमार जैन की।
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पीठ ने कहा कि एक ओर स्कूलों की छतें गिर रही हैं और दूसरी ओर अस्पतालों में आग लग रही है। यह गंभीर लापरवाही का संकेत है।
राज्य सरकार को 9 अक्टूबर तक प्लान पेश करने का आदेश
कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि:
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सरकार यह बताए कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए क्या ठोस कदम उठाए जा रहे हैं?
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विशेष रूप से स्कूल भवनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए क्या योजना है?
सरकार की ओर से दी गई सफाई
राजस्थान के महाधिवक्ता राजेन्द्र प्रसाद ने अदालत को बताया कि:
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राज्य सरकार ने असुरक्षित स्कूल भवनों को चिन्हित कर वहां से छात्रों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया है।
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इन भवनों की मरम्मत और पुनर्निर्माण के लिए बजट भी मंजूर कर दिया गया है।
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साथ ही सभी जिलों में इमारतों की संरचनात्मक जांच की जा रही है।
सरकारी लापरवाही या व्यवस्था का फेल्योर?
राजस्थान में लगातार सामने आ रहे हादसे — कभी स्कूल की छत गिरना, कभी अस्पतालों में आग लगना — यह सवाल उठाते हैं कि क्या सरकार इन्फ्रास्ट्रक्चर सुरक्षा को लेकर गंभीर है?
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हाईकोर्ट की सख्ती के बाद अब सभी की निगाहें 9 अक्टूबर पर टिकी हैं, जब सरकार को कोर्ट में सुरक्षा रोडमैप पेश करना है।