कटक में सांप्रदायिक तनाव के बाद प्रशासन सख्त, 36 घंटे का कर्फ्यू और इंटरनेट सेवा बंद
ओडिशा के कटक शहर में दुर्गा पूजा विसर्जन के दौरान दो समुदायों के बीच हुई झड़प ने रविवार को फिर उग्र रूप ले लिया। लगातार बढ़ती हिंसा के बाद प्रशासन ने 36 घंटे का कर्फ्यू लागू कर दिया है, जो 6 अक्टूबर रात 10 बजे से 7 अक्टूबर सुबह 10 बजे तक प्रभावी रहेगा।
शहर के संवेदनशील इलाकों में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। पुलिस, अर्धसैनिक बल और स्पेशल यूनिट्स की तैनाती की गई है। इसके साथ ही इंटरनेट सेवाएं और सोशल मीडिया भी अस्थायी रूप से बंद कर दिए गए हैं, जिससे अफवाहों और भड़काऊ संदेशों पर रोक लगाई जा सके।
कर्फ्यू कहां और कैसे लागू है?
भारतीय न्याय संहिता की धारा 163 के तहत लगाए गए इस कर्फ्यू के दायरे में कटक के 13 पुलिस थाना क्षेत्र शामिल हैं—जिनमें दरगाह बाजार, मंगलाबाग, पुरिघाट, लालबाग, जगतपुर और मलगोडाउन प्रमुख हैं।
प्रशासन ने स्पष्ट किया है:
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सभी व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहेंगे
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अस्पताल, मेडिकल स्टोर, पेट्रोल पंप, स्कूल-कॉलेज और आवश्यक सेवाएं चालू रहेंगी
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लोगों को घरों में रहने और प्रशासन के आदेशों का पालन करने की अपील की गई है
हिंसा की जड़ में क्या था?
हिंसा की शुरुआत शुक्रवार रात हाती पोखरी इलाके में हुई जब एक दुर्गा पूजा विसर्जन जुलूस में तेज डीजे और म्यूजिक को लेकर विवाद हुआ।
हालात तब और बिगड़ गए जब रविवार को विश्व हिंदू परिषद (VHP) की मोटरसाइकिल रैली, जो प्रशासन के प्रतिबंध के बावजूद निकाली गई, पुलिस द्वारा रोके जाने पर प्रदर्शनकारियों ने हिंसक रुख अपना लिया।
हिंसक झड़पों में शामिल घटनाएं:
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पथराव और आगजनी
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पुलिस ने रबर बुलेट और आंसू गैस का इस्तेमाल किया
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25 लोग घायल, जिनमें 8 पुलिसकर्मी भी शामिल हैं
सुरक्षा के कड़े इंतजाम
शहर की स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए 60 पुलिस पलटन, RAF, BSF, CRPF और ओडिशा स्पेशल एक्शन फोर्स की 8 कंपनियां तैनात की गई हैं। सभी संवेदनशील क्षेत्रों में लगातार फ्लैग मार्च किया जा रहा है।
पुलिस कमिश्नर एस देवदत्त सिंह ने जानकारी दी कि 6 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है और अन्य आरोपियों की पहचान की जा रही है।
इंटरनेट और सोशल मीडिया सेवाएं अस्थायी रूप से बंद
प्रशासन ने रविवार शाम 7 बजे से सोमवार शाम 7 बजे तक इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगा दी है। इसमें मोबाइल डेटा, ब्रॉडबैंड, और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे WhatsApp, Facebook, Instagram, X (Twitter), Snapchat आदि शामिल हैं।
कारण:
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भड़काऊ और उकसावे वाले संदेशों की रोकथाम
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अफवाहों से शांति व्यवस्था को खतरे की आशंका
डीजीपी की अपील: अफवाहों से बचें, आधिकारिक स्रोतों पर भरोसा रखें
ओडिशा के डीजीपी योगेश बहादुर खुरानिया ने आम जनता से शांति बनाए रखने और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है। उन्होंने कहा कि स्थिति प्रशासन के नियंत्रण में है और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए हर जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं।
जनता को सलाह:
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किसी भी सूचना के लिए पुलिस की वेबसाइट या आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर ही भरोसा करें
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सहयोग न करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है
स्थानीय राजनीति और विरोध
कई स्थानीय संगठनों और धार्मिक समितियों ने प्रशासन पर लचर सुरक्षा व्यवस्था और निष्क्रियता का आरोप लगाया है। वहीं, विश्व हिंदू परिषद ने इस घटना के खिलाफ बंद का आह्वान किया है।
निष्कर्ष:
कटक की यह घटना एक बार फिर दिखाती है कि धार्मिक आयोजनों के दौरान प्रशासनिक सतर्कता और सामाजिक समझदारी कितनी अहम होती है।
फिलहाल प्रशासन का पूरा फोकस स्थिति सामान्य करने और दोषियों की पहचान कर उन्हें सजा दिलाने पर है।
शांति और सौहार्द बनाए रखना इस समय की सबसे बड़ी आवश्यकता है।


