बीकानेर रेलवे स्टेशन पर मूर्ति नहीं हटेगी, नेताओं और रेलवे के बीच बनी सहमति
बीकानेर, 3 अक्टूबर 2025
बीकानेर रेलवे स्टेशन पर स्थापित ऐतिहासिक मूर्ति को लेकर पिछले कुछ दिनों से चल रहे विवाद पर स्थानीय जनप्रतिनिधियों और रेलवे अधिकारियों के बीच सहमति बन गई है। निर्णय लिया गया है कि स्टेशन के पुनर्विकास (रेनोवेशन) के बाद भी यह मूर्ति अपनी वर्तमान स्थिति में ही बनी रहेगी।
यह फैसला बुधवार को रेलवे स्टेशन परिसर में हुई एक बैठक में लिया गया, जिसमें भाजपा विधायक जेठानंद व्यास और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला ने एकजुट होकर रेलवे की संभावित कार्रवाई का विरोध दर्ज कराया।
नेताओं ने चेताया, मूर्ति हटाने पर होगा जनआंदोलन
बैठक में उपस्थित दोनों प्रमुख नेताओं ने स्पष्ट रूप से कहा कि
“मूर्ति किसी भी हाल में नहीं हटेगी। यदि स्थान परिवर्तन का प्रयास हुआ तो बड़ा जनआंदोलन होगा और इसकी जिम्मेदारी पूरी तरह रेलवे प्रशासन की होगी।”
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उन्होंने यह भी कहा कि मूर्ति का ऐतिहासिक, धार्मिक और भावनात्मक महत्व है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
रेलवे ने दी स्पष्टता, मूर्ति को नहीं हटाया जाएगा
हालांकि, विवाद की स्थिति से बचते हुए रेलवे प्रशासन ने भी साफ कर दिया है कि मूर्ति को नहीं हटाया जाएगा। इसके बजाय, रेलवे मूर्ति के चारों ओर सुरक्षात्मक फेंसिंग का निर्माण करेगा, ताकि स्टेशन के निर्माण कार्य के दौरान उसे कोई क्षति न पहुंचे।
रेल मंत्री अर्जुनराम मेघवाल पहले ही इस संबंध में अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दे चुके हैं। इसके बाद यह साफ हो गया कि रेलवे और स्थानीय प्रशासन के बीच सहमति बन चुकी है।
बैठक में DRM की गैरमौजूदगी पर जताई नाराजगी
रेलवे स्टेशन हॉल में आयोजित इस अहम बैठक में डिविजनल रेलवे मैनेजर (DRM) की अनुपस्थिति ने कई जनप्रतिनिधियों को नाराज कर दिया। DRM के स्थान पर सहायक अभियंता शंकरलाल बैरवा और प्रहलाद सिंह राजपुरोहित बैठक में पहुंचे।
विधायक व्यास और डॉ. कल्ला ने इस पर असंतोष जाहिर किया और कहा कि
“ऐसे संवेदनशील विषय पर उच्च स्तर के अधिकारी का उपस्थित रहना आवश्यक था।”
कई जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी, सर्वसम्मति से निर्णय
बैठक में शहर के विभिन्न राजनीतिक और सामाजिक वर्गों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इसमें
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समाजवादी नेता नारायण दास रंगा
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दिलीप जोशी
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भंवर पुरोहित (कर्मचारी नेता)
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वेद व्यास
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पूर्व विधायक व्यास के परिजन
सहित अन्य कई लोग मौजूद रहे।
जनता का विश्वास बहाल, सांस्कृतिक विरासत को मिला संरक्षण
यह निर्णय बीकानेर की सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत की रक्षा की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है। जनप्रतिनिधियों के एकजुट होने और विभिन्न राजनीतिक दलों के बीच इस मुद्दे पर बनी सहमति ने जनता में विश्वास बहाल किया है।


