खेत में काम करते वक्त दो किसानों की मौत, कीटनाशक दवा के प्रभाव की आशंका
बीकानेर। जिले के शेरूणा और छतरगढ़ थाना क्षेत्र से खेत में काम कर रहे दो युवकों की अचानक तबीयत बिगड़ने के बाद मौत की खबर सामने आई है। दोनों मामलों में परिजनों ने पुलिस थानों में रिपोर्ट दर्ज कराई है, जिसके आधार पर मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी गई है।
पहला मामला: समंदसर गांव में खेत पर काम करते समय बिगड़ी तबीयत
शेरूणा थाना क्षेत्र के समंदसर गांव निवासी जगदीश पुत्र लक्ष्मणराम ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उसका भतीजा बनवारी लाल (उम्र लगभग 28 वर्ष) 29 सितंबर को खेत में काम कर रहा था।
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अचानक उसकी तबीयत बिगड़ने लगी, जिसे आनन-फानन में अस्पताल ले जाया गया।
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लेकिन इलाज शुरू होने से पहले ही बनवारी लाल ने दम तोड़ दिया।
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परिजनों ने किसी पूर्व बीमारी से इनकार किया है, जिससे मौत के कारणों को लेकर संदेह बना हुआ है।
दूसरा मामला: कीटनाशक दवा के प्रभाव से युवक की मौत का अंदेशा
छतरगढ़ थाना क्षेत्र के राजासर भाटियान गांव निवासी गोविंद राम ने रिपोर्ट दर्ज करवाई कि उसका 22 वर्षीय बेटा प्रेमाराम खेत में काम कर रहा था।
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काम के दौरान कीटनाशक दवा के संपर्क में आने के कारण उसकी तबीयत अचानक बिगड़ गई।
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अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
परिजन कीटनाशक के जहरीले असर को मौत का कारण मान रहे हैं।
पुलिस ने दर्ज की मर्ग, पोस्टमार्टम रिपोर्ट से होगा खुलासा
दोनों घटनाओं में स्थानीय पुलिस थानों ने आईपीसी की धारा 174 के तहत मर्ग दर्ज कर ली है।
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शवों का पोस्टमार्टम करवा कर जांच शुरू कर दी गई है।
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फॉरेंसिक रिपोर्ट और डॉक्टर की राय के आधार पर मौत की असली वजह स्पष्ट होगी।
निष्कर्ष: खेतों में सुरक्षा मानकों की अनदेखी बन सकती है जानलेवा
दोनों मामलों ने एक बार फिर कृषि कार्य के दौरान सुरक्षा उपायों की कमी को उजागर किया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि कीटनाशकों के प्रयोग में लापरवाही, और प्राकृतिक गर्मी या थकावट भी इस तरह की घटनाओं का कारण बन सकती है।
कृषि विभाग और प्रशासन को चाहिए कि किसानों को उचित सुरक्षा प्रशिक्षण और संसाधन मुहैया करवाए जाएं, ताकि भविष्य में ऐसी दुखद घटनाएं रोकी जा सकें।


