बरेली बवाल: तौकीर रजा ने सियासी रसूख दिखाने को रची साजिश, पूर्व जिलाध्यक्ष ने किए खुलासे
बरेली, 30 सितंबर 2025:
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में एक बार फिर मजहबी और सियासी चालों की आड़ में माहौल बिगाड़ने की कोशिश सामने आई है। इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (IMC) के प्रमुख मौलाना तौकीर रजा खां पर बरेली में नमाज के बाद भीड़ इकट्ठा कर अपना सियासी प्रभाव दिखाने की साजिश रचने का आरोप लगा है। इस खुलासे ने मामले को और गंभीर बना दिया है, क्योंकि यह बयान खुद उनके पूर्व सहयोगी और आईएमसी के पूर्व जिलाध्यक्ष नदीम खां की ओर से पुलिस को दिया गया है।
डेढ़ साल से प्रभावहीन थे तौकीर, भीड़ जुटाने में नाकाम
पुलिस पूछताछ में नदीम ने बताया कि तौकीर रजा पिछले करीब डेढ़ साल से बरेली में अकेले भीड़ जुटाने में नाकाम रहे हैं। उनका राजनीतिक और सामाजिक रसूख कमजोर पड़ता जा रहा था, जिससे वह चिंतित थे। ऐसे में जब ‘आई लव मोहम्मद’ जैसे मुद्दे पर कानपुर में संवेदनशीलता बढ़ी, तो तौकीर ने उसे अपने पक्ष में भुनाने की रणनीति बनाई।
मजहब की आड़ में सियासी जमीन मजबूत करने की कोशिश
रिपोर्ट के मुताबिक, तौकीर रजा ने इस्लामिया मैदान में शुक्रवार की नमाज के बाद बड़ी संख्या में लोगों को जुटाकर न केवल मजहबी भावनाओं को भड़काने की योजना बनाई, बल्कि आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र राजनीतिक दलों को भी यह दिखाना चाहा कि उनकी पकड़ अभी भी मज़बूत है। इस रणनीति के पीछे मकसद यह था कि वह फिर से खुद को मुस्लिम समाज का रहनुमा साबित कर कांग्रेस, सपा और बसपा जैसे दलों से समीकरण साध सकें।
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झूठे पत्र और आंतरिक गुटबाज़ी ने बढ़ाया बवाल
नदीम ने यह भी स्वीकार किया कि कार्यक्रम स्थगित करने को लेकर प्रशासन से हुई बातचीत के बाद एक पत्र तैयार किया गया था, जिसे फर्जी बताते हुए बाद में मौलाना ने खारिज कर दिया। यह पत्र दरअसल पार्टी प्रवक्ता लियाकत खां के नाम से तैयार किया गया था, जिसकी मौलाना से अनुमति नहीं ली गई थी। दो गुटों में बंटी मौलाना की टीम में से एक गुट — जिसमें नदीम और डॉ. नफीस थे — ने जब यह कदम उठाया, तो दूसरा गुट — मुनीर इदरीशी, अनीस सकलैनी और अहसानुल हक — ने मौलाना को भड़का दिया। इसके बाद मौलाना ने सार्वजनिक रूप से पत्र को फर्जी बताया और कार्यक्रम रद्द न करने की जिद पर अड़ गए।
बवाल से पहले ही तय हो चुकी थी साजिश?
नदीम ने पुलिस को बताया कि इस्लामिया मैदान की ओर जा रही भीड़ को वह खुद शांत करने की कोशिश कर रहा था और प्रशासन से टकराव न हो, इसके लिए तौकीर रजा को भी समझाया था। हालांकि उसने यह भी दावा किया कि भीड़ जुटाने में उसकी भूमिका नहीं थी और इसके लिए मुख्य रूप से मुनीर इदरीशी और डॉ. नफीस जिम्मेदार थे।
पुलिस को अहम सुराग, जांच तेज
एसएसपी अनुराग आर्य ने बताया कि नदीम की गिरफ्तारी के बाद हुई पूछताछ में कई अहम तथ्य सामने आए हैं, जो न केवल इस केस की गहराई को उजागर करते हैं, बल्कि अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी और केस की विवेचना में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। पुलिस इस मामले को सिर्फ कानून-व्यवस्था का नहीं, बल्कि एक संगठित राजनीतिक-सामाजिक साजिश के रूप में देख रही है।


