प्रधानमंत्री मोदी ने ‘मन की बात’ में छठ पूजा को दिलाई नई ऊंचाई, नारीशक्ति और लोकल उत्पादों को बताया भारत की ताकत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को ‘मन की बात’ कार्यक्रम के 126वें संस्करण में देशवासियों को संबोधित करते हुए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं और संदेश दिए। इस मासिक रेडियो कार्यक्रम के दौरान उन्होंने भारतीय संस्कृति की विविधताओं, लोकल उत्पादों की ताकत, स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान और महिलाओं की उपलब्धियों को रेखांकित किया।
छठ पूजा को यूनेस्को की सांस्कृतिक धरोहर में शामिल कराने की दिशा में प्रयास
प्रधानमंत्री ने बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड और पूर्वांचल क्षेत्रों में प्रमुख रूप से मनाए जाने वाले छठ महापर्व को लेकर बड़ी घोषणा की। उन्होंने कहा कि भारत सरकार छठ पूजा को यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत (Intangible Cultural Heritage) सूची में शामिल कराने की प्रक्रिया में जुटी है।
उन्होंने छठ पर्व को भारतीय सांस्कृतिक परंपरा का अद्भुत प्रतीक बताया और कहा:
“छठ पूजा केवल एक धार्मिक उत्सव नहीं है, यह भारत की प्रकृति-पूजक परंपरा, सामूहिक सहभागिता और सामाजिक समरसता का उत्सव है। सूर्य को अर्घ्य देना, जल स्रोतों की स्वच्छता और सामूहिक उपासना का भाव — ये सभी इसे एक अनूठा पर्व बनाते हैं।”
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शहीद भगत सिंह, लता मंगेशकर और वीर सावरकर को श्रद्धांजलि
पीएम मोदी ने कार्यक्रम की शुरुआत शहीद भगत सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए की। उन्होंने भगत सिंह को युवाओं के लिए प्रेरणा बताया और कहा:
“उनका जीवन देशभक्ति, साहस और विचारधारा की मिसाल है। उनकी कलम भी उतनी ही प्रभावशाली थी, जितना उनका संघर्ष।”
इसके बाद उन्होंने लता मंगेशकर की जयंती पर उनके संगीत और व्यक्तित्व को याद किया। उन्होंने खुलासा किया कि लता दीदी हर साल उन्हें चुपचाप राखी भेजा करती थीं और उन्हें ‘तात्या’ (वीर सावरकर) से विशेष लगाव था। कार्यक्रम के दौरान लता जी द्वारा गाया गया भक्ति गीत ‘ज्योति कलश छलके’ भी सुनाया गया।
नवरात्रि पर बेटियों को सलाम, भारतीय नौसेना की दो महिलाओं से संवाद
नवरात्रि के अवसर पर पीएम मोदी ने नारीशक्ति को सलाम करते हुए भारतीय नौसेना की दो अधिकारियों — लेफ्टिनेंट कमांडर दिलना और रूपा — से बात की। इन दोनों महिलाओं ने ‘नाविक सागर परिक्रमा’ के दौरान अद्भुत साहस का प्रदर्शन किया।
“हमारे देश की बेटियाँ आज हर क्षेत्र में नया इतिहास लिख रही हैं — विज्ञान, खेल, सुरक्षा और उद्यमिता में वे अग्रणी हैं।”
गांधी जयंती पर ‘वोकल फॉर लोकल’ की फिर अपील
2 अक्टूबर को गांधी जयंती के अवसर पर पीएम मोदी ने लोगों से खादी और स्थानीय उत्पादों को प्राथमिकता देने की अपील की। उन्होंने कहा कि:
“आजादी के बाद खादी को भुला दिया गया था, लेकिन पिछले 11 वर्षों में इसमें नई जान आई है। जब आप लोकल खरीदते हैं, तो आप देश के गरीब और मध्यमवर्गीय कारीगरों को सशक्त बनाते हैं।”
हस्तशिल्प और हैंडलूम में उद्यमिता की प्रेरणादायक कहानियाँ
पीएम मोदी ने ‘वोकल फॉर लोकल’ मुहिम को मजबूत करने वाले तीन उद्यमों का उल्लेख किया:
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झारखंड के आशीष सत्यव्रत साहू: ‘जोहारग्राम’ ब्रांड के ज़रिए आदिवासी बुनाई को अंतरराष्ट्रीय मंच तक पहुंचाया।
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तमिलनाडु के याझ नेचुरल्स: अशोक जगदीशन और प्रेम सेल्वराज ने केले के रेशों से पर्यावरण–अनुकूल योगा मैट बनाकर 200 से अधिक परिवारों को रोजगार दिया।
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बिहार की स्वीटी कुमारी: मिथिला पेंटिंग के माध्यम से 500 महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने वाली ‘संकल्प क्रिएशन’ की संस्थापक बनीं।
पीएम मोदी ने कहा कि ये कहानियां बताती हैं कि भारत की परंपराएं सिर्फ सांस्कृतिक धरोहर नहीं हैं, बल्कि आर्थिक समृद्धि के साधन भी बन सकती हैं।
