बीकानेर में ईडी की छापेमारी: विदेशी फंडिंग, हथियार तस्करी और धार्मिक संस्थाओं के दुरुपयोग के मिले सबूत
बीकानेर – बीते 17 सितंबर को बीकानेर के विभिन्न क्षेत्रों में प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा की गई छापेमारी में अब एक के बाद एक बड़े खुलासे सामने आ रहे हैं। कई घंटे तक चली इस गहन कार्रवाई में ईडी ने भारी मात्रा में दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य एकत्र किए हैं। अब इन साक्ष्यों के आधार पर विदेशी धन के दुरुपयोग, संदिग्ध लेनदेन, हथियार तस्करी और धार्मिक संस्थाओं के माध्यम से वैचारिक प्रचार जैसे गंभीर मामलों की जांच तेज़ कर दी गई है।
17 सितंबर की छापेमारी में सामने आए अहम तथ्य
प्रवर्तन निदेशालय ने बीकानेर के अलग-अलग इलाकों में एक साथ कई स्थानों पर दबिश दी थी। इस दौरान जिन दस्तावेजों और बैंक खातों की जांच हुई, उनमें से कई में संदिग्ध विदेशी लेनदेन के संकेत मिले हैं।
ईडी सूत्रों के अनुसार, छापेमारी में सामने आए मुख्य बिंदु निम्न हैं:
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20 से अधिक बैंक खातों में करोड़ों रुपए का ट्रांजेक्शन
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संदिग्ध स्रोतों से विदेशी फंडिंग, जिनमें एक बांग्लादेश की एनजीओ का नाम भी सामने आया
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धार्मिक ट्रस्टों और संस्थानों के खातों में बेहिसाब नकदी
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हथियारों की तस्करी और भड़काऊ सामग्री के प्रचार-प्रसार के प्रमाण
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धार्मिक संस्थाओं के जरिए व्यक्तिगत और वैचारिक लाभ लेने की साजिश का संदेह
एनजीओ के नाम पर विदेश से आया पैसा, ईडी के रडार पर नेटवर्क
ईडी को जांच में ऐसे साक्ष्य मिले हैं जिनसे यह संकेत मिलता है कि बांग्लादेश स्थित एक एनजीओ को आर्थिक सहायता के नाम पर विदेशी फंड प्राप्त हुआ और उसे संदिग्ध गतिविधियों में लगाया गया। यह पैसा धार्मिक गतिविधियों की आड़ में आया और कथित तौर पर विचारधारा फैलाने, सामुदायिक असंतोष भड़काने और अवैध हथियार खरीद में प्रयोग किया गया।
कैश और दस्तावेजों के साथ डिजिटल उपकरण भी जब्त
छापेमारी के दौरान ईडी ने कई डिजिटल डिवाइसेज़, लैपटॉप, मोबाइल फोन और हार्ड डिस्क भी जब्त की हैं। इन उपकरणों की फॉरेंसिक जांच से नेटवर्क और फंड फ्लो का पूरा विवरण सामने आने की उम्मीद है। साथ ही कई ऐसे दस्तावेज भी बरामद हुए हैं जो फर्जीवाड़े, मनी लॉन्ड्रिंग और हवाला ट्रांजेक्शंस की ओर इशारा करते हैं।
अगली कार्रवाई में हो सकती हैं गिरफ्तारियां
सूत्रों के अनुसार, जिन लोगों के खिलाफ ये सबूत सामने आए हैं, उनमें से कई से पूछताछ की जा चुकी है और कुछ को नोटिस भेजे जा रहे हैं। यदि जांच में सहयोग नहीं मिला या आरोप पुख्ता हुए, तो ईडी जल्द ही गिरफ्तारियां भी कर सकती है।