साइबर ठगी से कैसे बचें: राजस्थान पुलिस की एडवाइजरी में बताई गई जरूरी बातें और समाधान
जयपुर, सितंबर 2025:
राजस्थान में बढ़ते साइबर अपराधों को देखते हुए राज्य की साइबर क्राइम शाखा ने नागरिकों के लिए एक अहम एडवाइजरी जारी की है। इसमें बताया गया है कि किस तरह से मैलवेयर, फिशिंग और अन्य ऑनलाइन धोखाधड़ी के माध्यम से आम लोगों को निशाना बनाया जा रहा है। साइबर ठग अब न केवल बैंकिंग ऐप्स और सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं, बल्कि नकली वेबसाइटों और दुर्भावनापूर्ण लिंक के जरिए भी लोगों की संवेदनशील जानकारी चुराने की कोशिश कर रहे हैं।
साइबर क्राइम एसपी शांतनु कुमार सिंह के अनुसार, इन खतरों से बचाव के लिए तकनीकी सतर्कता और सुरक्षित डिजिटल व्यवहार बेहद ज़रूरी हो गया है।
क्या है खतरा और कैसे होता है हमला?
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साइबर अपराधी नकली लिंक भेजकर उपयोगकर्ताओं को फंसाते हैं।
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इन लिंक पर क्लिक करने मात्र से मैलवेयर उपयोगकर्ता के मोबाइल या कंप्यूटर में प्रवेश कर जाता है।
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इसके बाद उपयोगकर्ता की व्यक्तिगत जानकारी, पासवर्ड, बैंकिंग डेटा आदि खतरे में पड़ जाते हैं।
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ऐसे हमलों का सबसे आम जरिया सोशल मीडिया, फर्जी बैंकिंग ऐप्स, और अनजान ईमेल होते हैं।
समाधान: ‘ई-स्कैन बोट रिमूवल ऐप’ से करें अपने डिवाइस की सुरक्षा
राजस्थान पुलिस ने आम नागरिकों को सलाह दी है कि वे E-Scan Bot Removal App का उपयोग करें, जो मैलवेयर और संदिग्ध फाइलों को पहचान कर डिवाइस से हटा सकता है।
ऐसे करें इस्तेमाल:
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मोबाइल या कंप्यूटर में ऐप इंस्टॉल करें और खोलें।
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मुख्य स्क्रीन पर ‘Scan’ विकल्प चुनें।
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‘Full Scan’ पर टैप करें।
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स्कैन पूरा होने के बाद ऐप एक रिपोर्ट दिखाएगा, जिसमें मैलवेयर, बॉट्स या संदिग्ध फाइलों की जानकारी होगी।
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‘Remove’ या ‘Delete’ बटन दबाकर इन फाइलों को सुरक्षित रूप से हटा दें।
नियमित रूप से स्कैन जरूरी:
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सप्ताह में कम से कम एक बार यह प्रक्रिया दोहराएं।
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किसी भी नए ऐप या लिंक पर क्लिक करने से पहले पूरी सावधानी बरतें।
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अनजान स्रोतों से आई फाइलें या ऐप डाउनलोड न करें।
साइबर ठगी का शिकार हो जाएं तो तुरंत करें ये काम
यदि आप किसी साइबर अपराध के शिकार हो जाते हैं, तो तुरंत कार्रवाई करना ज़रूरी है:
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निकटतम साइबर पुलिस स्टेशन में संपर्क करें।
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राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल: https://cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें।
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साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करें।
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राजस्थान पुलिस की साइबर हेल्पडेस्क:
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9256001930
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9257510100
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डिजिटल सुरक्षा के लिए अपनाएं ये ज़रूरी उपाय
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हमेशा आधिकारिक वेबसाइट से ही ऐप डाउनलोड करें।
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कोई भी OTP, पासवर्ड या व्यक्तिगत जानकारी किसी के साथ साझा न करें।
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बैंक या किसी भी सरकारी एजेंसी के नाम से आए संदिग्ध कॉल या ईमेल से सतर्क रहें।
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दो-स्तरीय सत्यापन (Two-Factor Authentication) का उपयोग करें।
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पब्लिक वाई-फाई पर संवेदनशील जानकारी का आदान-प्रदान न करें।
निष्कर्ष
राजस्थान पुलिस की यह एडवाइजरी समय की मांग है। लगातार बढ़ते साइबर अपराधों से निपटने के लिए अब हर व्यक्ति को खुद भी डिजिटल रूप से जागरूक होना पड़ेगा। एक छोटी सी लापरवाही भी बड़ी आर्थिक या व्यक्तिगत हानि का कारण बन सकती है। सुरक्षित रहिए, सतर्क रहिए।