Rajasthan 4th Grade Bharti 2025: झुंझुनूं में डबल शिफ्ट ड्यूटी का नवाचार, नकल पर निगरानी के सख्त इंतजाम
राजस्थान। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भर्ती परीक्षा 2025 में इस बार नकल पर रोक और परीक्षकों की सहूलियत को ध्यान में रखते हुए कई बड़े बदलाव किए गए हैं। झुंझुनूं जिले में पहली बार एक अनोखा प्रयोग किया जा रहा है—हर पारी में अलग-अलग वीक्षक व पर्यवेक्षक की ड्यूटी लगाई जा रही है। इससे लंबे समय तक ड्यूटी करने की समस्या से राहत मिलेगी, खासतौर पर महिला कर्मचारियों को।
झुंझुनूं का मॉडल: हर शिफ्ट के लिए अलग ड्यूटी सिस्टम
19 से 21 सितंबर के बीच होने वाली इस परीक्षा में हर दिन दो पारियों में अभ्यर्थियों की परीक्षा आयोजित की जाएगी। झुंझुनूं जिले में कुल 73,872 परीक्षार्थियों ने पंजीकरण कराया है। ऐसे में वीक्षकों और पर्यवेक्षकों को सुबह से देर शाम तक ड्यूटी देनी होती थी, जिससे उन्हें भोजन और आराम की दिक्कत होती थी।
एडीएम अजय आर्य ने बताया कि अब प्रत्येक पारी में अलग-अलग वीक्षक व पर्यवेक्षक तैनात किए जाएंगे, जिससे प्रशासनिक प्रक्रिया सुचारू और मानवीय बन सके।
आयुर्वेद और पशुपालन विभाग के अधिकारी भी लगाए जाएंगे ड्यूटी पर
इस बार वीक्षक और पर्यवेक्षक के रूप में आयुर्वेद विभाग, पशुपालन विभाग, और जिला स्तरीय अधिकारियों को भी जिम्मेदारी सौंपी जा रही है। पिछले वर्षों में एक ही कर्मचारियों को बार-बार ड्यूटी मिलने की शिकायतें आई थीं, जिसे इस बार गंभीरता से लिया गया है।
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सख्त निगरानी: परीक्षा केंद्रों में लगे सीसीटीवी कैमरे
नकल रोकने के लिए हर परीक्षा कक्षा में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। राजस्थान के 38 जिलों में कुल 1300 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं।
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परीक्षा केंद्रों पर दो घंटे पहले पहुंचना अनिवार्य किया गया है।
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बायोमेट्रिक जांच और अन्य प्रक्रिया में समय लगता है, इसलिए देर से पहुंचने वालों को परीक्षा में शामिल नहीं होने दिया जाएगा।
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परीक्षा शुरू होने से एक घंटा पहले गेट बंद कर दिए जाएंगे।
झुंझुनूं जिले के केंद्र और आंकड़े
क्षेत्र | परीक्षा केंद्र |
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झुंझुनूं शहर | 30 |
बगड़ | 6 |
कुल केंद्र | 36 |
झुंझुनूं में पंजीकृत अभ्यर्थी: 73,872
राज्य में कुल आवेदन: 24 लाख 75 हजार
कुल पद: 53,749
निष्कर्ष: प्रशासनिक नवाचार और तकनीकी निगरानी का संगम
Rajasthan 4th Grade Bharti 2025 इस बार सिर्फ एक भर्ती परीक्षा नहीं, बल्कि प्रशासनिक नवाचार और पारदर्शिता की मिसाल बनने जा रही है। झुंझुनूं मॉडल यदि सफल होता है, तो यह राज्य के अन्य जिलों और आगामी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भी मार्गदर्शक बन सकता है।