Emergency Healthcare Update: राजस्थान सरकार का बड़ा फैसला, 108 सेवा सहित सभी आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाएं अत्यावश्यक घोषित
जयपुर। आमजन को निर्बाध स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए राजस्थान सरकार ने एक बड़ा और सख्त निर्णय लिया है। राज्य सरकार ने 108 एंबुलेंस सेवा, 104 हेल्थ काउंसलिंग, जननी एक्सप्रेस, ममता एक्सप्रेस और कॉल सेंटर सेवाओं को अगले छह महीनों के लिए “अत्यावश्यक सेवा” घोषित कर दिया है। इसके साथ ही इन सेवाओं से जुड़े किसी भी प्रकार की हड़ताल पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है।
19 सितंबर से लागू होगा आदेश, हड़ताल करने पर होगी कार्रवाई
राज्य के गृह विभाग द्वारा जारी अधिसूचना में बताया गया है कि यह फैसला “राजस्थान अत्यावश्यक सेवाएं अनुरक्षण अधिनियम, 1970” की धारा-4(1) के तहत लिया गया है। अधिसूचना के अनुसार, 19 सितंबर 2025 से आगामी छह महीने तक ये सेवाएं अत्यावश्यक घोषित रहेंगी और इनमें कार्यरत किसी भी कर्मचारी द्वारा हड़ताल करना कानूनन अपराध होगा।
उप शासन सचिव महेश कुमार शर्मा ने पुष्टि करते हुए बताया कि इस प्रतिबंध का मकसद प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं की निरंतरता बनाए रखना और मरीजों को समय पर इलाज सुनिश्चित कराना है।
इन सेवाओं पर लागू होगा प्रतिबंध
नीचे दी गई सेवाएं अब अगले छह महीने तक हड़ताल की श्रेणी से बाहर रहेंगी:
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108 एंबुलेंस सेवा
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104 स्वास्थ्य परामर्श सेवा
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जननी एक्सप्रेस सेवा
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ममता एक्सप्रेस सेवा
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हेल्थ कॉल सेंटर सेवा
इन सेवाओं में कार्यरत सभी कर्मचारी, ऑफिस, सपोर्ट स्टाफ और ऑपरेशनल गतिविधियां सरकार की निगरानी में अत्यावश्यक मानी जाएंगी।
जनहित में लिया गया निर्णय, जनता ने किया स्वागत
राज्य सरकार का यह फैसला जन स्वास्थ्य सुरक्षा को सर्वोपरि रखने की नीति को दर्शाता है। विशेष रूप से गंभीर रोगियों, गर्भवती महिलाओं और सड़क दुर्घटना के शिकार लोगों के लिए 108 जैसी सेवाएं जीवन रक्षक होती हैं। ऐसे में किसी भी तरह की हड़ताल इनकी सुरक्षा के लिए खतरा बन सकती थी।
ग्रामीण क्षेत्रों में जहां स्वास्थ्य संसाधन सीमित हैं, वहां यह सेवाएं और भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। इस कदम से राज्य की स्वास्थ्य सेवाएं और मजबूत होंगी।
चिकित्सा कर्मियों पर बढ़ी जिम्मेदारी, मरीजों को राहत
इस अधिसूचना के बाद न सिर्फ चिकित्सा सेवाएं सुचारू रहेंगी, बल्कि चिकित्सा कर्मियों की जवाबदेही भी बढ़ेगी।
हड़ताल जैसी घटनाएं आम नागरिकों के जीवन पर सीधा प्रभाव डालती हैं, इसलिए इस तरह की रोक भविष्य में भी आमजन की सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद करेगी।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों और सामाजिक संगठनों ने भी सरकार के इस निर्णय का समर्थन किया है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि यह फैसला समाज के व्यापक हित में लिया गया है।