बीकानेर संभाग बना गैंगस्टरों का नया अड्डा, रंगदारी के मामलों में बेतहाशा बढ़ोतरी
राजस्थान का बीकानेर संभाग धीरे-धीरे संगठित अपराधियों और गैंगस्टरों के लिए सुरक्षित ठिकाना बनता जा रहा है। हालिया रिपोर्ट्स और पुलिस रिकॉर्ड्स इस बात की पुष्टि करते हैं कि श्रीगंगानगर, बीकानेर और चूरू जिलों में रंगदारी और फिरौती की घटनाएं खतरनाक रूप से बढ़ी हैं।
खासकर लारेंस बिश्नोई गैंग और रोहित गोदारा गैंग ने इन इलाकों में अपने नेटवर्क को मजबूती दी है और लगातार कारोबारी, क्रिकेट बुकी और रसूखदार लोगों को निशाना बनाकर करोड़ों रुपये की रंगदारी मांगी है।
बेखौफ गैंगस्टर, करोड़ों की फिरौती और खुलेआम फायरिंग
बीते महीनों में सामने आए मामलों से स्पष्ट है कि अपराधी अब सिर्फ धमकियों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि फायरिंग कराकर डराने की घटनाएं भी आम होती जा रही हैं। रंगदारी नहीं देने पर व्यापारियों के दफ्तरों, घरों और प्रतिष्ठानों पर फायरिंग की घटनाएं भी दर्ज हुई हैं।
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एक मीडिया संस्थान द्वारा की गई स्वतंत्र जांच में सामने आया कि कई घटनाएं पुलिस रिकॉर्ड में भले दर्ज हों, लेकिन अनेक मामलों में पीड़ितों ने दबाव या भय के चलते शिकायत दर्ज नहीं कराई।
पांच साल में दर्ज हुए 50 से ज्यादा रंगदारी के मुकदमे
पुलिस रिकॉर्ड्स के अनुसार, पिछले पांच वर्षों में बीकानेर संभाग में रंगदारी मांगने के 50 से अधिक मामले दर्ज हुए हैं। इनमें से:
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श्रीगंगानगर जिले में अकेले 2025 के पहले 8 महीनों में 24 मुकदमे
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बीकानेर जिले में 5 साल में 15 मामले
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चूरू जिले में 10 मुकदमे
इन मुकदमों में ज्यादातर पीड़ित वे लोग हैं जो किसी न किसी रूप में सामाजिक, आर्थिक या राजनीतिक रूप से प्रभावशाली माने जाते हैं।
50 लाख से लेकर 5 करोड़ रुपये तक की फिरौती की मांग
गैंगस्टरों द्वारा मांगी गई रकम 50 लाख से लेकर 5 करोड़ रुपये तक रही है। ये मांगें अक्सर फोन कॉल्स, वाट्सऐप मैसेज या सोशल मीडिया के जरिए की जाती हैं। कुछ मामलों में वीडियो कॉलिंग के ज़रिए धमकियां दी गईं और पुराने मामलों की याद दिलाकर डराया गया।
रोहित गोदारा गैंग बना सबसे सक्रिय नेटवर्क
रोहित गोदारा गैंग, जो पहले पंजाब और हरियाणा में सक्रिय था, अब श्रीगंगानगर जिले में तेजी से अपने पांव पसार रहा है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, इस गैंग का मुख्य फोकस अब राजस्थान के सीमावर्ती इलाके बनते जा रहे हैं, जहां पुलिस और खुफिया तंत्र की चुनौती बढ़ गई है।
पुलिस और खुफिया एजेंसियों की बढ़ी चिंता
लगातार बढ़ते मामलों ने राजस्थान पुलिस और खुफिया एजेंसियों की नींद उड़ा दी है। भले ही कुछ गिरफ्तारियां हुई हों, लेकिन जमीनी स्तर पर गैंग का डर बना हुआ है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, “गैंगस्टर अब अपनी लोकेशन छिपाने के लिए वर्चुअल सिम, फर्जी नाम और सोशल मीडिया की आड़ में धमकियां भेजते हैं, जिससे उन्हें ट्रैक करना मुश्किल हो जाता है।”