Rajasthan Politics: अजमेर में गहलोत के तीखे हमले, वसुंधरा के पक्ष में दिया बड़ा बयान
अजमेर।
राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने रविवार को अजमेर सर्किट हाउस में प्रेस वार्ता के दौरान भाजपा नेतृत्व, संघ प्रमुख मोहन भागवत, प्रधानमंत्री मोदी, और वसुंधरा राजे की उपेक्षा जैसे विषयों पर बेबाकी से अपनी बात रखी।
गहलोत के बयानों से स्पष्ट संकेत मिला कि वे एक ओर भाजपा की आंतरिक राजनीति पर सवाल उठा रहे हैं, तो दूसरी ओर संघ को सामाजिक सौहार्द का संदेश देने की नसीहत भी दे रहे हैं।
वसुंधरा को मौका नहीं देना भाजपा की सबसे बड़ी भूल: गहलोत
गहलोत ने प्रेस वार्ता के दौरान कहा,
“अगर भाजपा वसुंधरा राजे को एक बार फिर मुख्यमंत्री बनाती तो वास्तव में मज़ा आ जाता। लेकिन अफसोस है कि उनकी ही पार्टी उन्हें मौका नहीं दे रही है। यह भाजपा की सबसे बड़ी गलती है।”
उन्होंने आगे कहा कि वसुंधरा एक अनुभवी और जनाधार वाली नेता हैं, लेकिन बीजेपी उन्हें दरकिनार कर रही है। गहलोत के इस बयान को राजस्थान की सियासत में एक राजनीतिक संकेत और रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है, जो भाजपा के भीतर के अंतर्विरोधों को उजागर करता है।
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मोहन भागवत से मोहब्बत की उम्मीद
संघ प्रमुख मोहन भागवत के जोधपुर प्रवास पर प्रतिक्रिया देते हुए गहलोत ने कहा कि
“यह हमारे लिए सौभाग्य है कि उन्होंने जोधपुर को चुना। हमें उम्मीद है कि वे मोहब्बत, भाईचारे और एकता का संदेश लेकर आएंगे।”
उन्होंने यह भी कहा कि जोधपुर की ऐतिहासिक, सामाजिक और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि बहुत समृद्ध है और वहां से सकारात्मक और समावेशी संदेश दिया जाना चाहिए।
‘स्वयंसेवक को छूट’ पर उठाए सवाल
गहलोत ने भागवत के एक हालिया बयान पर टिप्पणी करते हुए कहा,
“अगर स्वयंसेवकों को काशी और मथुरा जैसे मामलों में छूट है, तो वही तो RSS है। फिर ऐसी बातें क्यों की जाती हैं जो समाज में भ्रम और टकराव का कारण बनें?”
गहलोत का यह बयान संघ के हालिया रुख पर सीधा सवाल है, जिसमें उन्होंने धार्मिक स्थलों के मुद्दों को लेकर की गई बयानबाजी को सामाजिक सौहार्द के खिलाफ बताया।
आयुष्मान योजना पर भी साधा निशाना
गहलोत ने केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत योजना पर भी कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि
“यह योजना दरअसल कांग्रेस सरकार के समय हुए सामाजिक-आर्थिक सर्वे पर आधारित है। लेकिन जनता को भ्रम में रखा जा रहा है कि यह सबके लिए है।”
उन्होंने अपनी सरकार की चिरंजीवी योजना को राजस्थान की सबसे बड़ी जनकल्याणकारी स्वास्थ्य योजना बताया और कहा कि
“मेरी फोटो वाली किट बंद कर दी गई, भजनलाल शर्मा की फोटो लगा दो, लेकिन योजना को क्यों बंद किया गया?”
‘विपक्ष में हूं, विरोध नहीं कर रहा’
गहलोत ने प्रधानमंत्री मोदी को लेकर कहा कि
“मैं व्यक्तिगत तौर पर उनके खिलाफ नहीं हूं, लेकिन विपक्ष की जिम्मेदारी निभा रहा हूं। दिल्ली, राजस्थान और गांव-गांव में जो कुछ हो रहा है, उस पर आखिरकार सवाल तो उठाने ही पड़ेंगे।”
उन्होंने कहा कि सरकार को जनता की आवाज सुननी चाहिए और लोकतंत्र में विपक्ष की भूमिका को समझना चाहिए।
अजमेर दौरे के बाद जयपुर रवाना हुए गहलोत
प्रेस वार्ता के बाद अशोक गहलोत जयपुर के लिए रवाना हो गए। इससे पहले उन्होंने अजमेर के स्वास्तिक नगर सहित कई बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया और पीड़ितों से मुलाकात कर उनकी समस्याएं सुनीं।