विधानसभा में हंगामे के बीच तीन विधेयक पारित, महिलाओं को मिला नाइट शिफ्ट में काम का अधिकार
जयपुर — राजस्थान विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान गुरुवार को विपक्षी कांग्रेस के जबरदस्त हंगामे और नारेबाजी के बीच राज्य सरकार ने महज़ 33 मिनट में तीन अहम विधेयकों को पारित करवा लिया। इनमें सबसे बड़ा और चर्चा का विषय बना कारखाना (राजस्थान संशोधन) विधेयक-2025, जिसके तहत अब महिलाओं को भी फैक्ट्रियों में रात्रिकालीन (नाइट शिफ्ट) में काम करने का कानूनी अधिकार मिल गया है।
क्या है नया प्रावधान?
श्रम मंत्री सुमित गोदारा ने इस विधेयक को सदन में प्रस्तुत करते हुए बताया कि यह संशोधन राजस्थान के औद्योगिक परिदृश्य में एक नई दिशा देगा। अब राज्य में फैक्ट्रियों में कार्यरत महिलाएं भी पुरुषों की तरह नाइट शिफ्ट में काम कर सकेंगी — एक ऐसा प्रावधान जो अब तक कानूनी रूप से मान्य नहीं था।
मंत्री ने बताया कि इस विधेयक की तैयारियों के दौरान विभिन्न श्रमिक संगठनों और औद्योगिक प्रतिनिधियों से चर्चा की गई और उनके सुझावों के आधार पर ही इसे अंतिम रूप दिया गया।
श्रमिकों के कार्य घंटे में बदलाव
विधेयक में केवल महिलाओं से जुड़ा नहीं, बल्कि सभी श्रमिकों के कार्य घंटे में भी महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं:
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अब प्रति दिन 10.30 घंटे तक की ड्यूटी की जा सकेगी (जिसमें कुछ आवश्यक ब्रेक शामिल होंगे)
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बिना ब्रेक के लगातार 6 घंटे तक काम करने की अनुमति होगी
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ओवरटाइम की सीमा 75 घंटे प्रति तिमाही से बढ़ाकर 144 घंटे प्रति तिमाही कर दी गई है
 
मंत्री गोदारा ने स्पष्ट किया कि इन संशोधनों का उद्देश्य उत्पादन क्षमता बढ़ाना, श्रमिकों की आय में वृद्धि करना और निजी समय की बेहतर उपलब्धता सुनिश्चित करना है।
महिलाओं के लिए क्या हैं सुरक्षा प्रावधान?
महिलाओं को रात में काम करने की अनुमति देने के साथ-साथ विधेयक में यह भी सुनिश्चित किया गया है कि फैक्ट्रियां उनके लिए सुरक्षा, परिवहन और सुविधाजनक वातावरण उपलब्ध कराएंगी। किसी भी महिला कर्मचारी को उसकी इच्छा के विरुद्ध नाइट शिफ्ट में काम करने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकेगा।
अन्य विधेयक भी पारित
विधानसभा में पारित अन्य दो विधेयक थे:
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राजस्थान माल एवं सेवा कर (द्वितीय संशोधन) विधेयक-2025
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राजस्थान विनियोग (संख्या-3) विधेयक-2025
 
वित्त मंत्री दिया कुमारी द्वारा प्रस्तुत विनियोग विधेयक के तहत सरकार को ₹2,575.75 करोड़ की राशि खर्च करने की अनुमति मिल गई है। यह राशि विभिन्न योजनाओं, परियोजनाओं और प्रशासनिक मदों में उपयोग की जाएगी।
            
            
        