भारी बारिश से जम्मू-कश्मीर और पंजाब में तबाही, हजारों लोग बेघर, राहत कार्य जारी
नई दिल्ली | 27 अगस्त 2025:
जम्मू-कश्मीर और पंजाब इस समय भारी बारिश और बाढ़ की दोहरी मार झेल रहे हैं। जम्मू में बीते 24 घंटों में 296 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो पिछले 115 वर्षों में अब तक की सबसे अधिक वर्षा है। वहीं पंजाब के गुरदासपुर जिले में जलभराव के कारण नवोदय विद्यालय में 400 छात्र और 40 शिक्षक फंस गए, जिन्हें सुरक्षित निकालने के लिए सेना और एनडीआरएफ की टीमों को रवाना किया गया है।
जम्मू-कश्मीर में हालात बेहद गंभीर
बर्फीले तूफानों, बादल फटने और तेज बारिश के चलते जम्मू संभाग के कई इलाके जलमग्न हो गए हैं।
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अब तक 36 लोगों की जान जा चुकी है, जिनमें कई मौतें वैष्णो देवी तीर्थ मार्ग पर भूस्खलन की वजह से हुई हैं।
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वैष्णो देवी यात्रा को अस्थायी रूप से रोक दिया गया है ताकि श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
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पांच हजार से अधिक लोगों को निचले बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों से सुरक्षित निकाला गया है।
सेवाएं ठप, स्कूल-कॉलेज बंद
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बिजली, जलापूर्ति और इंटरनेट सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं।
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प्रशासन ने 30 अगस्त तक सभी शैक्षणिक संस्थानों को बंद रखने का आदेश दिया है।
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सांबा और जम्मू जिलों में राहत कार्य तेज़ी से चल रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने किया स्थलीय निरीक्षण
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने तवी नदी के क्षतिग्रस्त पुल का निरीक्षण किया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात कर हालात की जानकारी दी। उन्होंने केंद्र से आपदा प्रबंधन में सहयोग और वित्तीय सहायता की मांग भी की है।
पंजाब में सात जिले बाढ़ की चपेट में
भारी बारिश और डैमों से लगातार छोड़े जा रहे पानी के कारण पंजाब के गुरदासपुर, पठानकोट, फाजिल्का, अमृतसर, होशियारपुर, जालंधर और रोपड़ जिलों में बाढ़ की स्थिति गंभीर है।
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गुरदासपुर के नवोदय विद्यालय में पानी के तेज बहाव के कारण स्कूल का परिसर जलमग्न हो गया।
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स्कूल की ऊपरी मंजिलों पर छात्र और शिक्षक फंसे हुए हैं।
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एनडीआरएफ और सेना की टीमें राहत एवं बचाव कार्यों में जुटी हुई हैं।
नदियों और डैमों में जलस्तर खतरे के निशान पर
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भाखड़ा, पौंग, रंजीत सागर और शाहपुरकंडी डैमों का जलस्तर खतरे के निशान को छू चुका है।
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सतलुज, ब्यास और रावी नदियों के किनारे बसे सैकड़ों गांव जलमग्न हो गए हैं।
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फसलों को भारी नुकसान हुआ है, जिससे राज्य के किसान संकट में हैं।
राहत और बचाव कार्य में जुटी टीमें
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एनडीआरएफ, सेना, और स्थानीय प्रशासन मिलकर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का काम कर रहे हैं।
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हेलीकॉप्टर और बोट्स की मदद से फंसे लोगों को निकाला जा रहा है।
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फूड पैकेट्स, दवाइयां और साफ पानी की आपूर्ति प्रभावित इलाकों में की जा रही है।